यूं ही नहीं भारत पर लट्टू हो रहा अमेरिका और यूरोप, इस रिपोर्ट ने उड़ाई नींद

Not just America and Europe are getting hung up on India, this report gives sleepless nights
Not just America and Europe are getting hung up on India, this report gives sleepless nights
इस खबर को शेयर करें

भारत पर अमेरिका और यूरोप की मेहरबानी यूं ही नहीं है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे वीजा से लेकर कई चिप और स्पेस से लेकर साइंस तक में जिस तरह की डील हुई हैं, उसके पीछे बहुत बड़ी है. वहीं दूसरी ओर यूरोप की ओर से भारत से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का इंपोर्ट किया जा रहा है वो सिर्फ मजबूरी ही नहीं बल्कि भारत को खुश करने का बड़ा मौका है. आखिर अमेरिका और यूरोप ऐसा क्यों कर रहे हैं? इसके ​पीछे का क्या खेल है?

वास्तव में अमेरिका और यूरोप की एक रिपोर्ट ने नींद उड़ाई है. यह रिपोर्ट गोल्डमैन ​सैस की है. जिसने 2050 और 2075 में ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर अनुमान लगाया है. रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि साल 2050 तक भारत यूरोप की सबसे बड़ी इकोनॉमी जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगा. उसके 25 साल के बाद अमेरिका भी भारत की आर्थिक आंधी से भी नहीं बचेगा. आइए आपको भी बताते हैं आखिर आपको भी बताते हैं आखिर गोल्डमैन सैस ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा है?

गोल्डमैन सैस ने भविष्यवाणी की है कि भारत की इकोनॉमी और बाजार 2050 तक ग्लोबल लेवल पर टॉप पर होगा और 2075 तक अमेरिका से भी आगे निकल जाएगा. द पाथ टू 2075-कैपिटल मार्केट साइज एंड ऑपर्च्युनिटी टॉपिक वाली रिपोर्ट में, यूएस-बेस्ड इंवेस्टमेंट बैंक ने कहा कि उभरते बाजारों (ईएम) में ग्रोथ विकसित बाजार से आगे बढ़ती रहेगी, जिसमें टॉप 10 वर्ल्ड इकोनॉमीज में से 7 2075 तक उभरते बाजारों में शामिल होंगी.

इकोनॉमी के मोर्चे में पहले यूरोप फिर अमेरिका छूटेगा पीछे
गोल्डमैन सैस के चीफ इकोनॉमिस्ट जान हेट्जियस के अनुसार हमें उम्मीद है कि इस दशक के बाकी बचे सालों में इमर्जिंग मार्केट्स ग्रोथ डिमर्जिंग मार्केट के मुकाबले ज्यादा यानी 1.8 फीसदी के मुकाबले 3.8 फीसदी रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि हमारा अनुमान है कि 2050 में दुनिया की पांच सबसे बड़ी इकोनॉमीज चीन, अमेरिका, भारत, इंडोनेशिया और जर्मनी होंगी. इसका मतलब है कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा और यूरोप की सबसे बड़ी इकोनॉमी जर्मनी पीछे छूट जाएगा.

इसके साथ एशिया की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी जापान भी भारत से पिछड़ जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि 2075 तक, चीन, अमेरिका और भारत दुनिया की तीन सबसे बड़ी इकोनॉमी बने रहने की संभावना है. इसका मतलब है कि भारत अमेरिका को पीछे छोड़ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा और चीन दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है.

ग्लोबल इक्विटी मार्केट में भारत की हिस्सेदारी होगी 12 फीसदी
हेट्जियस ने रिपोर्ट में कहा कि हमारे अनुमानों से पता चलता है कि ग्लोबल इक्विटी मार्केट कैप में उभरते बाजारों की हिस्सेदारी वर्तमान में लगभग 27 प्रतिशत से बढ़कर 2030 में 35 फीसदी, 2050 में 47 फीसदी और 2075 में 55 फीसदी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज करेगा. ग्लोबल मार्केट मार्केट कैप भारत की हिस्सेदारी 2022 में 3 फीसदी है, जोकि साल 2050 में बढ़कर 8 फीसदी होने का अनुमान है और उसके 25 साल यानी 2075 में 12 फीसदी रहने का अनुमान है.