मरे हुए मच्छरों को लेकर कोर्ट पहुंचा कुख्यात गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला, बोला- योर ऑनर…

Notorious gangster Ejaz Lakdawala reached the court regarding the dead mosquitoes, said - your honor...
Notorious gangster Ejaz Lakdawala reached the court regarding the dead mosquitoes, said - your honor...
इस खबर को शेयर करें

Gangster came in court with dead mosquitoes: सुनने में अजीब लगेगा लेकिन यह सच है। गुरुवार को एक गैंगेस्टर अदालत में मरे हुए मच्छरों को लेकर पहुंचा। जेल में मच्छरों की वजह से उसको हो रही परेशानी की बात बताने के लिए वह एक प्लास्टिक की बोतल में मरे हुए मच्छरों को भरकर पहुंचा। उसने एक मच्छरदानी की मांग की। हालांकि, सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने उनकी मांग को खारिज कर दिया।

क्या है पूरा मामला?

डॉन दाऊद इब्राहिम का सहयोगी गैंगेस्टर एजाज लकड़वाला को मुंबई पुलिस ने जनवरी 2020 में अरेस्ट किया था। गिरफ्तारी के बाद से नवी मुंबई में तलोजा जेल में सजा काट रहा है। गिरफ्तारी के बाद उसे जेल में मच्छरदानी आदि की सुविधाएं दी गई थी। लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों को देखते हुए उसके मच्छरदानी आदि को सीज कर दिया गया था। एजाज लकड़वाला मकोका (MCOCA) के तहत जेल में है।

मच्छरदानी के लिए की पैंतरेबाजी…

गुरुवार को मकोका कोर्ट में एजाज लकड़वाला की पेशी थी। इस पेशी के दौरान वह कोर्ट में एक प्लास्टिक की बोतल लेकर पहुंचा। बोतल को जब देखा गया तो उसमें ढेर सारे मरे हुए मच्छर थे। लकड़वाला ने बताया कि जेल में अत्यधिक मच्छर होने की वजह से उसको दिक्कत हो रही है। सो नहीं पाने से सेहत पर असर पर पड़ रहा है। उसने जज से गुहार लगाई कि उसे मच्छरदानी उपलब्ध कराने का आदेश दिया जाए। इस पर सुरक्षा अधिकारियों ने विरोध कर इसे सुरक्षा के लिए खतरा बताया। इस पर सुनवाई करते हुए, लकड़वाला की इस मांग को जज ने सिरे से खारिज कर दिया। जज ने कहा कि अगर मच्छरों से दिक्कत है तो ऑडोमास या कोई और मच्छर भगाने वाली चीज (मच्छर रिपेलेंट्स) का इस्तेमाल किया जा सकता है। मच्छरदानी नहीं मिलेगी।

जेल में कई अंडरट्रॉयल कैदियों ने किया है मच्छरदानी के लिए आवेदन

जेल में बंद कई अंडरट्रॉयल कैदियों ने मच्छरदानी की मांग की है। कुछ मामलों में न्यायालय ने अनुमति दी है लेकिन तमाम मामलों में इसे खारिज कर दिया गया है। गैंगेस्टर डीके राव को कोर्ट ने मच्छरदानी के उपयोग की अनुमति दी है। लेकिन एल्गार परिषद के तमाम सदस्यों की मांग को खारिज कर दिया गया है। यह सदस्य, माओवादी लिंक के आरोप में जेल में हैं। इस साल सितंबर में एक्टिविस्ट गौतम नवलखा ने भी एक आवेदन दायर कर मच्छरदानी के उपयोग की अनुमति मांगी थी। लेकिन अभी यह मामला लंबित है।