ओवैसी का बड़ा बयान, PM मोदी की दाढ़ी और BJP की टोपी को लेकर कही ये बात

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नई दिल्ली: कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद (Hijab Controversy) पर राजनीति लगातार बढ़ती जा रही है. अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को लेकर आए हैं.

पीएम मोदी की दाढ़ी पर बोले ओवैसी
मुरादाबाद में चुनाव प्रचार के दौरान असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा, ‘केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने जोर देकर कहा कि बुर्का, हिजाब और चादर इस्लाम की एक अनिवार्य विशेषता है. अगर संसद में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और बीजेपी नेता दाढ़ी व टोपी के साथ आ सकते हैं तो बच्ची क्लास में हिजाब पहन के जा रही तो आप क्यों रोक रहें. आप उसे पढ़ाई करने दें.’

हिजाब विवाद पर ओवैसी की पाक को नसीहत
इसके साथ ही हिजाब विवाद के मामले पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाते हुए इसमें अपनी नाक न अड़ाने की सलाह दी है. ओवैसी ने कहा कि मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) पर हमला पाकिस्तान में हुआ. लड़कियों की शिक्षा के मामले में पाकिस्तान हमें ज्ञान न दे. पाकिस्तान के संविधान के हिसाब से कोई गैर मुस्लिम वहां का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है.

अपनी नाक या टांग मत अड़ाओ: ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सख्त लहजे में कहा, ‘पाकिस्तान के लोगों से कहना है कि इधर मत देखो, उधर ही देखो. तुम्हारे पास पाक-बलूचियों (Balochistan) से लेकर न जाने क्या-क्या झगड़े हैं. ये देश मेरा है, हमारे घर का मामला है. आप इसमें अपनी नाक या टांग मत अड़ाओ. वरना जख्मी हो जाएगी, तुम्हारी टांग और नाक.’

मलाला ने हिजाब विवाद पर किया था ट्वीट
मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने हिजाब विवाद पर ट्वीट किया था और कहा था, ‘हिजाब पहने हुई लड़कियों को स्कूलों में एंट्री देने से रोकना भयावह है. कम या ज्यादा कपड़े पहनने के लिए महिलाओं पर हमला किया जाता है. भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए.’

कैसे शुरू हुआ हिजाब विवाद
हिजाब (Hijab) विवाद की शुरुआत कर्नाटक से हुई थी, जहां कुछ लड़कियों ने आरोप लगाया कि हिजाब पहनने के चलते उन्हें कैंपस और क्लास में प्रवेश नहीं करने दिया गया. हिजाब को लेकर प्रदर्शन पिछले महीने कर्नाटक के उडुपी में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी महिला कॉलेज से शुरू हुआ था. कॉलेज की छह छात्राओं ने आरोप लगाया गया कि हिजाब पहनने के चलते उन्हें क्लास में एंट्री देने से मना कर दिया गया.