रोजगार के मोर्चे पर एक्शन में PM मोदी, नई नौकरियों की संभावना तलाशने के दिए निर्देश

PM Modi in action on employment front, instructed to explore the possibility of new jobs
PM Modi in action on employment front, instructed to explore the possibility of new jobs
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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी विभागों के सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे रोजगार सृजन पर प्राथमिकता के आधार पर काम करें. सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर में नए लोगों को लाकर उनकी उत्पादकता कैसे बढ़ाई जा सकती है, इस पर विचार करें. साथ ही सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों का ब्यौरा जुटाकर उन पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करें. पीएम मोदी ने मामूली अपराधों में सजा के प्रावधान वाले कानूनों का अध्ययन करके उन्हें खत्म करने या सुधार करने की संभावना तलाशने को भी कहा है. पीएम ने राज्य सरकारों को राजकोषीय अनुशासन की अहमियत समझाने और वैश्विक सूचकांकों पर गौर करके अपनी कमियां दूर करने जैसे कई निर्देश भी अफसरों को दिए हैं.

पीएम मोदी की शनिवार को हुई इस बैठक के बारे में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सचिवों को लेटर भेजकर उन निर्देशों की जानकारी दी है, जिन पर तुरंत अमल शुरू किया जाना है. चार घंटे तक चली इस बैठक में सचिवों के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा केंद्र सरकार के शीर्ष ब्यूरोक्रेट्स भी शामिल थे. बैठक में पीएम मोदी का रोजगार पर खासा जोर रहा. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा कि देश में मैन्यूफैक्चरिंग को रफ्तार देने और नई नौकरियां पैदा करने के लिए प्राइवेट सेक्टर को संभालना महत्वपूर्ण है. ऐसा करके ही भारतीय कंपनियां विश्व में अग्रणी बन सकेंगी.

पीएम ने कहा कि हर सेक्टर में एक्सपोर्ट की संभावनाओं का आकलन करके उसी के हिसाब से नीतियों में आवश्यक सुधार किए जाने चाहिए. उन्होंने अलग-अलग सेक्टर में अत्याधुनिक तकनीकों की स्टडी करने और उन्हें भारत में लाकर इस्तेमाल करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत में वर्ल्ड क्लास प्रोडक्ट्स बनाने के बेंचमार्क तय करके काम किया जाना चाहिए. पीएम मोदी ने उन वैश्विक सूचकांकों से सबक लेकर काम करने के भी निर्देश दिए, जिनमें भारत की रैंकिंग अच्छी नहीं है. उन्होंने कहा कि ये रैंकिंग किस वजह से ऊपर नहीं जा पा रही है, अफसर उन दिक्कतों को समझें और देखें कि इसमें सुधार के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.

प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती गांवों की समस्याएं दूर करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मंत्रालयों के देश के सीमावर्ती गांवों में अपने कुछ अफसर तैनात करने चाहिए, जो वहां की चुनौतियों और उनके प्रैक्टिकल उपायों पर वाइव्रेंट विलेज मिशन के तहत काम करें. वाइव्रेंट विलेज मिशन का ऐलान इस साल के बजट में किया गया था. उन्होंने सुझाव दिया कि इन गांवों के बच्चों को नजदीकी एनसीसी स्कूलों में दाखिला दिया जा सकता है.