दुनिया में बढ़ता जा रहा है जनसंख्या का संकट, बच्चे के जन्म पर ये देश दे रहा 8 लाख रुपये

Population crisis is increasing in the world, this country is giving 8 lakh rupees on the birth of a child
Population crisis is increasing in the world, this country is giving 8 lakh rupees on the birth of a child
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सियोल: दक्षिण एशिया में भारत और पाकिस्तान ऐसे देश हैं, जिनकी आबादी लगातार बढ़ रही है। यह देश अपनी बढ़ती आबादी से परेशान हैं। लेकिन दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जिनकी जनसंख्या लगातार गिरती जा रही है। दक्षिण कोरिया और जापान भी उन्हीं में से एक हैं। स्थिति यहां तक हो गई है कि यहां बच्चे पैदा करने पर सरकार पैसे दे रही है। जापान की अबादी लगातार 12वें वर्ष गिरी है। वहीं दक्षिण कोरिया सबसे कम जन्मदर वाला देश है। दक्षिण कोरियाई सरकार बच्चे पैदा करने पर मां को साल 2022 से 1.2 लाख रुपए दे रही है। फ्रांस में दिए जाने वाले पैसे से भी ये ज्यादा है।

दक्षिण कोरिया में सरकार बच्चों के पालन पोषण के लिए हर महीने रुपए दे रही है। एक वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए हर सप्ताह 528 डॉलर (43,337 रुपए) हर महीने दिए जाते हैं। इसके बाद 2 साल की उम्र तक शिशु के लिए 264 डॉलर (21,600 रुपए) हर महीने दिए जाते हैं। 2024 में सरकार इसे बढ़ाएगी। तब एक साल की उम्र तक 755 डॉलर (61,968 रुपए) और 2 साल की उम्र तक 377 डॉलर (30,943 रुपए) दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त सरकार कम आय वाले परिवारों और एकल माता-पिता को बच्चे के प्राथमिक स्कूल की उम्र तक 151 डॉलर (12,393 रुपए) हर महीने देगी।

31 लाख रुपए बच्चे के लिए
सरकार की कई स्कीमों के तहत माता पिता खिलौने किराए पर भी ले सकते हैं। अन्य लाभों की बात करें तो गर्भवती महिलाओं के लिए चिकित्सा, बांझपन का उपचार और बेबीसिटिंग की व्यवस्था भी सरकार दे रही है। दक्षिण कोरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर बुसान में अलग से बोनस दिया जाता है। तीन या तीन से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर स्थानीय सरकार अभी 377 डॉलर (30,943 रुपए) दे रही थी। अब इसे बढ़ा कर 7552 डॉलर (619,852 रुपए) कर दिया गया है। दक्षिण कोरिया के जिओला प्रांत में सात साल तक बच्चे के लिए हर महीने 435 डॉलर (37,181 रुपए) की स्कॉलरशिप दी जाती है। सात साल की उम्र तक प्रांत की सरकार 38,000 डॉलर लगभग 31 लाख रुपए खर्च करेगी।

जापान की आबादी घटी
जापान की आबादी की बात करें तो वह 2022 में 556,000 से कम होकर 12.4 करोड़ रह गई। बुधवार को जारी डेटा के मुताबिक रिकॉर्ड संख्या में गिरावट देखी गई है। 1950 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है। लगातार गिर रही जापान की आबादी दिखाती है कि इस चुनौती से निपटने के लिए तत्काल एक सिस्टम बनाना होगा। आंतरिक मामलों और संचार मंत्रालय के अनुसार, टोक्यो को छोड़ कर बाकी हर जगह जनसंख्या में गिरावट देखने को मिली है। ओकीनावा की जनसंख्या 0.01 फीसदी गिरी है।