Powers And Functions Of Prime Minister: प्रधानमंत्री के कंधों पर कितनी जिम्मेदारियां हैं, ऐसी ताकत जो देश का भविष्य बदल दे

Powers And Functions Of Prime Minister: How many responsibilities are on the shoulders of the Prime Minister, such a power that can change the future of the country
Powers And Functions Of Prime Minister: How many responsibilities are on the shoulders of the Prime Minister, such a power that can change the future of the country
इस खबर को शेयर करें

देश के मुखिया प्रधान मंत्री का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है मंत्री के रूप में नियुक्त करने के लिए अपनी टीम के सदस्यों के नामों की सिफारिश करना। केवल प्रधानमंत्री द्वारा चुने हुए यानी पीएम के सिफारिशों के अनुसार सिलेक्ट लोगों को राष्ट्रपति मंत्री बना सकते हैं जिनके नाम की सिफारिश प्रधानमंत्री करते हैं।

मंत्रिपरिषद के बैठक के होते है अध्यक्ष
प्रधानमंत्री ही यह सुनिश्चित करते हैं कि किसी मंत्री को कौन-सा मंत्रालय दिया जाएगा और कौन से मंत्री को मंत्रालय से हटाया जाए यह सभी फैसला प्रधानमंत्री ही करता है। वह मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता भी करते हैं और अपनी इच्छा के अनुसार निर्णय बदल भी सकता है।

राष्ट्रपति से कर सकते हैं मंत्रियों को हटाने की मांग
देश के मुखिया यानी प्रधानमंत्री के पास यह शक्ति भी होती है कि वह किसी भी मिनिस्टर को इस्तीफा देने के लिए कह सकता है या फिर विचारों में भेद होने के कारण भी उन मंत्रियों को हटाने की मांग भी राष्ट्रपति से कर सकते हैं। साथ ही प्रधानमंत्री केंद्र सरकार के चीफ प्रवक्ता की भूमिका भी निभाते हैं।

इस्तीफे के बाद भंग हो जाती है काउंसिल
आपने अक्सर देखा होगा कि देश के प्रधानमंत्री ही अपने मंत्रियों की गतिविधियों को नियंत्रित और निर्देशित भी करता है। यदि किसी प्रधानमंत्री की अपने पद पर रहते हुए मृत्यु हो जाती है तो उसके स्थान पर अन्य मिनिस्टर कार्य नहीं कर सकते यानी कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद काउंसिल अपने आप ही भंग हो जाती है।

अधिकारियों के अप्वाइंटमेंट के विषय में राष्ट्रपति को दे सकते हैं सलाह
प्रधानमंत्री के पास यह शक्ति है कि वह इलेक्शन कमीशनर, यूपीएससी के प्रेसिडेंट, फाइनेंस कमीशन के चेयरपर्सन, अटॉर्नी जनरल जैसे अधिकारियों के अप्वाइंटमेंट के विषय में राष्ट्रपति को सलाह दे सकते हैं। इसके साथ ही उनके पास यह भी शक्ति होती है कि संसद के सेशन को भंग करने की सिफारिश भी कर सकते हैं।