Presidential Elections 2022: देश को द्रौपदी मुर्मू के रूप में नया राष्ट्रपति मिलने जा रहा है. गुरुवार को आए नतीजों में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को करीब 60 फीसदी वोट हासिल हुए हैं और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा चुनाव हार गए हैं. एनडीए की रणनीति के आगे विपक्षी एकता पूरी तरह बिखरी नजर आई और जनप्रतिनिधियों ने पार्टी लाइन से अलग जाकर मुर्मू को पक्ष में वोट डाले. नतीजों में भी इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि कई सांसदों और विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है.
विपक्षी सांसदों ने दिया धोखा!
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 15 से 17 विपक्षी सांसद ऐसे थे जिन्होंने द्रौपदी मुमू को पक्ष में मतदान किया. इसी तरह देशभर की अलग-अलग विधानसभाओं से 100 से ज्यादा विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. नतीजों में मुर्मू को उम्मीद से ज्यादा वोट हासिल हुए हैं जिससे साफ है कि चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई है और विपक्षी नेताओं ने भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में अपना वोट दिया है.
एनसीपी चीफ शरद पवार ने ही विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नाम का ऐलान किया था. लेकिन वह अपनी ही पार्टी को सिन्हा के समर्थन में एकजुट नहीं रख पाए. गुजरात में एनसीपी के विधायक कांधल जडेजा ने एनडीए उम्मीदवार मुर्मू के पक्ष में वोट किया और ऐलान भी कर दिया कि उन्होंने अंतरात्मा की आवाज पर ऐसा किया है. इसी तरह अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव पहले ही मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर चुके थे जबकि वह सपा की टिकट पर विधायक चुने गए हैं और उनकी पार्टी सिन्हा के साथ खड़ी थी. बरेली से सपा विधायक शहजील इस्लाम ने भी एनडीए उम्मीदवार को अपना वोट किया था. हरियाणा में क्रॉस वोटिंग देखने को मिली, जहां कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी लाइन से अलग मुर्मू को अपना वोट दिया.
वोटिंग के बाद दावों का दौर
बीजेपी ने झारखंड में कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों की ओर से क्रॉस वोटिंग किए जाने का दावा किया था. साथ ही कहा कि कांग्रेस के 17 में से 12 से ज्यादा विधायकों ने मुर्मू को पक्ष में वोट दिया है. हालांकि कांग्रेस ने इन दावों को खारिज कर दिया था. राज्य में एनपीसी विधायक कमलेश सिंह ने भी पार्टी लाइन से इतर मुर्मू के समर्थन में वोट किया था. मुर्मू आदिवासी समाज से आती हैं जिनकी बड़ी आबादी झारखंड में रहती है. साथ ही वह राज्य में राज्यपाल के तौर पर भी काम कर चुकी हैं. पंजाब, ओडिशा और बंगाल में से भी मुर्मू के समर्थन में क्रॉस वोटिंग के संकेत मिले हैं.