हरियाणा में JJP विधायक की बढ़ी मुश्किलें, किसानों ने दिया अल्टीमेटम

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टोहाना। में  जजपा विधायक देवेंद्र सिंह बबली और किसानों के बीच हुए टकराव ने बुधवार को तूल पकड़ लिया है। विवाद के दूसरे दिन टोहाना के हिसार रोड स्थित टाउन पार्क के बाहर हजारों किसानों का जमावड़ा लग गया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचे।

उन्होंने मुख्य मांगों को लेकर प्रशासन के समक्ष बात रखी है। मंच से गुरनाम सिंह ने कहा कि विधायक और किसानों के बीच हुए मामले को लेकर किसानों पर जो मामले दर्ज किए गए हैं, वह वापस लिए जाएं। विधायक या तो किसानों के पास आकर माफी मांगे या फिर प्रशासन विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करें।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग विधायक द्वारा किया गया है, उससे किसानों में रोष बना हुआ है। यदि प्रशासन किसानों से बातचीत करना चाहता है तो उनके दरवाजे खुले हैं। प्रशासन ने उनकी बातों को अनसुना किया तो आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

देर रात किसानों पर दर्ज हुए मुकदमें
मंगलवार रात विधायक देवेंद्र बबली के ड्राइवर और निजी सचिव की अलग अलग शिकायतों के आधार पर पुलिस ने 9 किसानों को नामजद करते हुए कई अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। हालांकि, किसानों की तरफ से भी शिकायत दी गई थी, लेकिन उस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

विधायक बोले, मैं भी किसान परिवार से हूं
इस पूरे मामले पर विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि वे अपने घर के लिए सामान खरीदने के लिए बाजार में गए थे। जब सामान खरीदने के बाद अन्य दुकान पर जाने लगे तो सामने से एक हरे रंग की गाड़ी में कुछ लोग आए, जिन्होंने अपनी गाड़ी उनकी गाड़ी के आगे लगाकर रास्ता ब्लॉक कर दिया। विधायक ने कहा कि उक्त लोगों ने गालियां देते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान जब किसानों के रूप में आए इन भेड़ियों को समझाने का प्रयास किया तो वे लोग नहीं माने, जिसके बाद वे स्वयं गाड़ी से उतर आए। बबली ने कहा कि वे स्वयं किसान परिवार से संबंध रखते है, किसी के लिए गलत भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि किसान के रूप में इन भेड़ियों को वे कहना चाहते है कि वे पिछले लंबे समय से किसी सार्वजनिक प्रोग्राम में नहीं जा रहे है, आज दिव्यांगजनों को वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम होना था, उसमें भी विरोध के लिए पहुंच गए तो कार्यक्रम में नहीं गए। जब वे घर के लिए सामान खरीदने गए, उस समय भी विरोध किया गया, जो निंदनीय है।