गोंडा। अयोध्या में मनसे प्रमुख राज ठाकरे के आने का विरोध कर रहे कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के तेवर कड़े हैं। कहा कि राज ठाकरे ने दौरा स्थगित किया है, लेकिन माफी नहीं मांगी है। उत्तर भारतीयों के सम्मान से समझौता न मैं कर सकता हूं और न ही उत्तर भारतीय करेंगे। लड़ाई स्वाभिमान और सम्मान की है, किसी राजनीति से जुड़ी नहीं है। उन्होंने फिर चुनौती दी कि वह उत्तर भारत के किसी भी प्रदेश में नहीं उतर पाएंगे, क्योंकि उत्तर भारतीयों ने अपने सम्मान और स्वाभिमान का प्रण लिया है, जिसे वह पूरा करके ही दम लेंगे।
शुक्रवार को कैसरगंज सांसद अमदही के धनईगंज बंधे के पास पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बेलसर स्वर्गीय इंद्र बहादुर सिंह उर्फ पप्पू सिंह की प्रथम पुण्य तिथि पर ब्लॉक प्रमुख बेलसर राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गुड्डू सिंह द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे। सांसद ने कहा कि मुझे राज ठाकरे की 2008 से तलाश थी। अब मुझे इनकी कुंडली मिल गई है। मैंने निर्णय लिया है, जब तक माफी नहीं मांगते तब तक दर्शन नहीं करने देंगे। मेरे इस फैसले को तमाम तरह से लोग सोच रहे थे। कुछ लोग फिर चूक कर दिए। देश के गुनाहगार वो लोग भी है जो उदासीन हैं।
उन्होंने कहा राज ठाकरे ने अपना दौरा स्थगित कर दिया है लेकिन मैंने अपना कार्यक्रम स्थगित नहीं किया है। उस दिन पूरे अयोध्या में लोग स्नान करने के बाद मुख्यमंत्री का जन्म दिन मनाएंगे। उत्तर प्रदेश झारखंड सहित पूरे प्रदेश सहित किसी भी जगह में राज ठाकरे कहीं नहीं आने दिया जाएगा। जब तक माफी नहीं माग लेते। भाषा, रंग, जाति, क्षेत्र के आधार पर कोई बंदिश नहीं है। यह लड़ाई सत्ता की नहीं है यह स्वाभिमान के लिए है। आजादी की लड़ाई में हिंदू, मुसलमान साथ लड़ाई लड़ रहे थे। इंदिरा गांधी ने जब इमरजेंसी लगाया तो दोनों लोगों ने विरोध किया था। यह तीसरी लड़ाई है जिसमें सभी एक मंच पर हैं।
विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कुछ लोग समय को नहीं पहचान पाते है, लेकिन मैं समय को पहचान जाता हूं। जब गोंडा का नाम तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के जिले का नाम बदलने पर आंदोलन किया तो कुछ लोग मेरे गिरफ्तारी का इंतजार कर रहे थे। इस बार भी कुछ लोग राज ठाकरे का स्वागत करने को तैयार थे, मैं कहता हूं जो हमारा विरोध करेगा वो खुद निपट जायेगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि विधायक तरबगंज प्रेम नारायण पांडेय व जिला पंचायत अध्यक्ष धनश्याम मिश्र रहे। सभा में रज्जन बाबा, राजू सिंह, सत्य प्रकाश मिश्र, माता प्रसाद शुक्ल, सुरेश शुक्ल, रामकुमार शुक्ल आदि रहे।