राजस्थान: जाटों के बाद अब ब्राह्मण सीएम की मांग, महापंचायत में बीजेपी-कांग्रेस ने भी समझाया टिकट का गणित

Rajasthan: After Jats, now demand for Brahmin CM, BJP-Congress also explained ticket math in Mahapanchayat
Rajasthan: After Jats, now demand for Brahmin CM, BJP-Congress also explained ticket math in Mahapanchayat
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जयपुर: विद्याधर नगर स्टेडियम में एक बार फिर मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा हुई। जाट के बाद अब ब्राह्मण महापंचायत में ब्राह्मण को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाई गई है। साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों से 30-30 टिकट ब्राह्मणों को देने की मांग की गई है। समाज के नेताओं ने मंच से ईडब्ल्यूएस आरक्षण के 10 फीसदी कोटे में से 5 फीसदी आरक्षण ब्राह्मणों को दिए जाने की भी मांग भी रखी। इस महापंचायत में लाखों विप्र बंधुओं की भीड़ जुटी। केन्द्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव भी महापंचायत में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने भगवान परशुराम पर डाक टिकट भी जारी किया। वैष्णव ने कहा कि भगवान परशुराम पर टिकट जारी होना ब्राह्मणों की एकता का परिणाम है।

मंच पर केवल संत समाज, बाकि सब सामने
ब्राह्मण समाज की ओर से आयोजित इस महापंचायत में राजस्थान सहित देश के कई राज्यों से आए प्रतिनिधि शामिल हुए। महापंचायत में जो मंच बनाया गया, उस पर केवल संत समाज को स्थान दिया गया। अतिथियों समाज के अन्य प्रतिनिधियों के लिए मंच के सामने की तरफ सोफे लगाए गए।

ब्राह्मणों के अलावा कई अन्य समाजों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़, राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की पत्नी और पूर्व मंत्री गोलमा देवी, भाजपा के संगठन मंत्री भजनलाल शर्मा, जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री रघु शर्मा, पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा, चौमूं से बीजेपी विधायक, प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा, कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा, बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी सहित कई नेता मौजूद रहे।

82 रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने का ऐलान
महापंचायत को संबोधित करते हुए केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि धर्म की रक्षा करने में ब्राह्मण अपनी भूमिका सदियों से निभाते आ रहे हैं। धर्म की रक्षा के लिए ही भगवान परशुराम ने शिवजी की तपस्या करके फरसा प्राप्त किया था। हमें इस परम्परा को कायम रखना है। धर्म की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना है। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राजस्थान के 82 रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने का ऐलान किया।

इनमें आबू रोड़, अजमेर, अलवर, आसलपुर, जोबनेर, बालोतरा, बांदीकुई, बारां, बाड़मेर, ब्यावर, भरतपुर, भवानी मंडी, भीलवाड़ा, विजय नगर, बीकानेर, बूंदी, चंदेरिया, छबड़ा, चित्तौड़गढ जंक्शन, चूरू, रतानिया कलां, देशनोक, डेगाना, डीडवाना, फालना, फतेहनगर, गांधी नगर जयपुर, फतेहपुर शेखावाटी और गंगापुरसिटी शामिल है। उन्होंने कहा कि दस साल पहले रेल बजट में राजस्थान को 600 करोड़ रुपए मिलते थे। अब राजस्थान को 9532 करोड़ रुपए का अनुदान मिल रहा है।

सरकार के अधीन मंदिर वापस समाज को मिले – घनश्याम तिवाड़ी
राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि हमारे देश और राज्य में जितने भी सनातन धर्म के मंदिर है। उन पर सरकारों का नियंत्रण नहीं होना चाहिए। जो मंदिर सरकारों के अधीन है, वे वापस समाज को मिलने चाहिए। जिस तरह से वक्फ बोर्ड है, उसी तर्ज पर रिलिजियस एक्ट बनाए जाने की जरूरत है। मंदिरों पर अधिकार केवल हिन्दुओं का होना चाहिए। तिवाड़ी ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि जिस तरह का आरक्षण अन्य वर्गों को मिल रहा है, उसी तरह ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ भी सभी जगह मिलना चाहिए।

पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने उठाई मुख्यमंत्री पद की मांग
कांग्रेस नेता पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने अपने संबोधन के दौरान ब्राह्मण को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाई। भारद्वाज ने कहा कि पिछले दिनों इसी विद्याधर नगर स्टेडियम में एक समाज की ओर से महाकुंभ का आयोजन किया गया। उस महाकुंभ में उस समाज ने मुख्यमंत्री की मांग उठाई थी तो ब्राह्मण समाज में कोई कमी है क्या। हम इतनी बड़ी तादात में जो सरकारों 5को हिला सकते हैं तो हमें अपने राजनैतिक प्रतिनिधित्व की बात खुलकर करनी होगी। भारद्वाज ने कहा कि एक समय था जब ब्राह्मण समाज के 60 विधायक हुआ करते थे लेकिन अब केवल 17 विधायक हैं। उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों से आगामी विधानसभा चुनावों में 30-30 टिकट यानी कुल 60 टिकट ब्राह्मणों को देने की मांग की।

राजनैतिक प्रतिनिधित्व देने की मांग
महापंचायत के जरिए ब्राह्मण समाज ने अपनी एकजुटता और ताकत दिखाई है। आयोजकों का कहना है कि राजस्थान ब्राह्मण समाज की आबादी 85 लाख से ज्यादा है लेकिन जनसंख्या के हिसाब से उन्हें राजनैतिक प्रतिनिधित्व का मौका किसी भी पार्टी ने नहीं दिया है। राजस्थान की 50 से अधिक विधानसभा सीटें ऐसी है जिन्हें ब्राह्मण वोटर प्रभावित करते हैं। इसके बावजूद भी ब्राह्मण समाज हाशिये पर है। इस शक्ति प्रदर्शन के जरिए राजनैतिक पार्टियों को अपनी ताकत का अहसास कराना है ताकि आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान वे ब्राह्मण समाज को केवल वोट बैंक समझने की भूल नहीं करे और उचित प्रतिनिधित्व का अवसर दें।