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मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में विभिन्न मांगों को लेकर जीआईसी मैदान में चल रहे अनिश्चितकालीन किसानों के धरने के बीच चौधरी राकेश टिकैत ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अब सरकार हिंदू और सिखों को आपस में लड़ा रही है। छोटे-छोटे किसान संगठन बनवा रही है। खापों को भी आपस में भिड़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
आंदोलन में आने वालों के घर तोड़ेगी सरकार
चौधरी राकेश टिकैत ने किसानों को चेताया कि जो लोग आंदोलन करेंगे, उनके घर तोड़े जाएंगे। उन्हें जेल जाना पड़ेगा। कहा कि यदि वह यह सब नहीं चाहते तो धरने से उठ कर चले जाएं। आंदोलन का रास्ता काटो भरा रहेगा। जीआईसी मेदान में किसान नेता और भकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों को तोड़ने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में 750 शहीद किसानों के स्वजन को मुआवजा दिया गया। लेकिन यूपी के 12 किसान शहीद हुए उनके परिजन को कोई मुआवजा नहीं मिला। इसका दर्द उन्हें है। एनसीआर क्षेत्र में किसानों के ट्रैक्टर और उनकी गाड़ियां 10 साल में रिजेक्ट करने का नियम है। कोई बता सकता है कि क्या किसान 10 साल बाद फिर से नया ट्रैक्टर खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने ऐसा कोई प्रयास किया तो सबसे पहले डीएम और एसपी गाड़ी का चालान करना पड़ेगा।
देश में एक समान हर किसी के लिए कानून है
उन्होंने कहा कि देश में पुलिस की गाड़ियों का कोई इंश्योरेंस नहीं होता। उन्होंने कहा की देश में कानून एक समान है। किसान समझ ले कि जो भी आंदोलन में आएगा उसे नुकसान होगा। धरने पर मौजूद एक किसान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ने उसको नोटिस जारी किया है कि उसका मकान ध्वस्त किया जाएगा क्योंकि वह बिना नक्शे का बना है।
उन्होंने धरने पर मौजूद किसानों से कहा कि यदि अपना घर बचाना है, जेल जाने से बचना है तो धरना छोड़कर चले जाओ। आंदोलन के रास्ते पर चलने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होंगे। उन्होंने घोषणा किया कि 10 फरवरी को सभी अपना गन्ना डीएम कार्यालय पर आकर तोलेंगे।