उत्तराखंड में बढ़ती बिजली की खपत ने बढ़ाई ऊर्जा निगम की चिंता, गहरा सकता है बिजली का संकट

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देहरादून: मौसम की मार के साथ लगातार बढ़ती बिजली की खपत ने ऊर्जा निगम की चिंता बढ़ा दी है। मांग और उपलब्धता के बीच के अंतर को कम करने के लिए ऊर्जा निगम राष्ट्रीय बाजार से बिजली खरीद कर रहा है। लेकिन, गैस और कोयले के कीमतों में बढ़ोतरी के चलते राष्ट्रीय बाजार में बिजली महंगी दरों पर खरीदनी पड़ रही है। आने वाले दिनों में यदि बिजली के दाम नहीं गिरते हैं तो उत्तराखंड में बिजली का संकट गहरा सकता है।

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पिछले दो दिनों में प्रदेश में बिजली की खपत में भारी इजाफा हुआ है। प्रतिदिन 41 से 42 मिलियन यूनिट बिजली की खपत प्रदेश में हो रही है। जो कि दो तीन दिन पहले 40 मिलियन यूनिट से कम थी। ऐसे में बाजार से बिजली खरीद और कटौती दोनों ही विकल्पों को अपनाया जा रहा है। राष्ट्रीय बाजार में इन दिनों बिजली का मूल्य 10 रुपये प्रति यूनिट से अधिक है।

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ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में ज्यादा कटौती

मूल्य अधिक होने के कारण ऊर्जा निगम के लिए अधिक बिजली खरीदना चुनौती साबित हो रहा है। ऊर्जा निगम कमी के सापेक्ष आधी बिजली ही खरीद पा रहा है।

ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में ज्यादा कटौती की जा रही है। इन हालात से निपटने के लिए ऊर्जा निगम उम्मीद कर रहा है कि प्रदेश की जलविद्युत परियोजनाओं में उत्पादन में वृद्धि हो, साथ ही राष्ट्रीय बाजार में बिजली की दरों में कमी आए।

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राष्ट्रीय बाजार में बिजली के दाम बढ़े

ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता परिचालन गौरव शर्मा ने बताया कि कोयला और गैस के दाम में बढ़ोतरी होने से राष्ट्रीय बाजार में बिजली के दाम बढ़ गए हैं। ऐसे में अधिक बिजली खरीदना संभव नहीं है। जबकि, प्रदेश में बिजली की खपत लगातार बढ़ती जा रही है।