उत्तराखंड में लोस चुनाव के दौरान सुरक्षा पर खर्च हुए इतने करोड़ रुपये, पिछली बार से हुआ 20% अधिक

So many crores of rupees were spent on security during Lok Sabha elections in Uttarakhand, 20% more than last time.
So many crores of rupees were spent on security during Lok Sabha elections in Uttarakhand, 20% more than last time.
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देहरादून: प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर करीब 30 करोड़ रुपये का खर्च आया। यह धनराशि करीब 40 हजार की संख्या में तैनात पुलिस कर्मियों और अर्धसैनिक बलों के रहने और खानपान की व्यवस्था पर खर्च की गई। इस बार का कुल खर्च पिछली बार के लोकसभा चुनाव से करीब 20 फीसदी अधिक बताया जा रहा है।

बता दें कि इस बार चुनाव कराने के लिए पुलिस की ओर से केंद्र से अर्धसैनिकों की 115 कंपनियां मांगी गई थीं। जबकि, अन्य प्रदेशों से होमगार्ड भी मांगे गए थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पुलिस को अर्द्धसैनिक बलों की 63 कंपनी और करीब 12 हजार होमगार्ड चुनाव कराने के लिए मिले थे। इसके अलावा स्थानीय पुलिस फोर्स ने मोर्चा संभाला था। जबकि, इस बार कुल मांग के सापेक्ष प्रदेश को 65 कंपनी अर्धसैनिक बलों की आवंटित हुई थीं। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब से लगभग 14,000 से ज्यादा होमगार्ड और आर्म्ड पुलिस बल आवंटित हुआ था।

इनमें से 20 कंपनी अर्धसैनिक बल आचार संहिता लगने के करीब 10 दिन बाद ही प्रदेश में पहुंच चुका था। इस बल के लिए प्रदेश में गाड़ी, रहने और खाने-पीने के लिए व्यवस्था शुरुआत से ही की जा रही थी। जबकि, मतदान से एक सप्ताह पहले तक पूरी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल पहुंच गया था। लगभग 10 दिनों तक 40,000 जवानों और अधिकारियों के लिए पुलिस ने इंतजामात किए, जिन पर करीब 30 करोड़ रुपये का खर्च आया। अब प्रदेश से भी पीएसी की कंपनियां बिहार व अन्य राज्यों में चुनाव कराने के लिए गई हैं।

40 करोड़ रुपये की हुई थी मांग
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस बार पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए 40 करोड़ रुपये की मांग की थी। यह मांग अर्धसैनिक बलों की संख्या के हिसाब से की गई थी। लेकिन, पिछले साल के जितना ही बल प्रदेश को इस बार मिला था। लिहाजा, खर्च भी इससे कम करीब 30 करोड़ रुपये ही बताया जा रहा है। पिछले चुनाव में अर्धसैनिक बलों और होमगार्ड आदि के लिए व्यवस्थाओं पर करीब 25 करोड़ रुपये का खर्च आया था। अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल खर्च का आकलन किया जा रहा है। सभी जिलों से इस संबंध में रिपोर्ट और खर्च का ब्योरा मुख्यालय ने मांगा है।