नई दिल्ली. केंद्र सरकार स्टेशनों के कायाकल्प पर अच्छी-खासी रकम खर्च कर रही है. इसके लिए खासतौर पर अमृत भारत स्टेशन स्कीम भी चलाई जा रही है. स्टेशनों का केवल कायाकल्प ही नहीं बल्कि नए स्टेशन भी पहले से बहुत बेहतर बनाए जा रहे हैं. इसी का एक उदाहरण है बेंगलुरु का सर एम. विश्वेसवरैया टर्मिनल (Sir M Visvesvaraya Terminal).
इस स्टेशन की बिल्डिंग 4200 वर्ग मीटर में फैली है और यह दावा किया जाता है कि यह देश का पहला रेलवे स्टेशन है जो पूरी तरह से एयर कंडीशंड है. इस स्टेशन को बेंगलुरु एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार किया गया था. 2021 में इस स्टेशन से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया था.
इस स्टेशन को बनाने में 314 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. यह टर्मिनल 2018 में बनकर तैयार होने वाला था लेकिन कई डेडलाइन मिस करने के बाद यह 2021 में बनकर तैयार हुआ था. इस स्टेशन को शहर में पहले से मौजूद 2 स्टेशनों केएसआर और यशवंतपुर रेलवे स्टेशन पर भीड़ को कम करने के लिए बनाया गया था.
ऐसा कहा जाता है कि ये स्टेशन लोगों को एयरपोर्ट वाली फीलिंग देता है. इसे डिजाइन भी बेंगलरु के कैंपगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तर्ज पर किया गया है. इस स्टेशन पर 7 प्लेटफॉर्म हैं जिनकी लंबाई 600 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर प्रति प्लेटफॉर्म है.
पूरे स्टेशन और प्लेटफॉर्म्स को एलईडी लाइट्स से जगमगा गया है. यहां बरसात के पानी के संचयन की भी व्यवस्था की गई है. स्टेशन के लिए जो पार्किंग स्पेस बनाया गया है उसमें 200 कार और 900 दोपहिया वाहन खड़े हो सकते हैं.
यह स्टेशन हर दिन 50,000 यात्रियों और 50 ट्रेनों के परिचालन के लिए सक्षम है. स्टेशन पर 2 सबवे भी बनाए गए हैं जो एक साथ सभी 7 प्लेटफॉर्म को जोड़ते हैं. इसके अलावा एक ओवरब्रिज भी ठीक इसी काम के लिए बनाया गया है. सबवे पर चढ़ने-उतरने के लिए सीढ़िया व रैंप बनाए गए हैं.