जैसलमेर: जैसलमेर में आयोजित 2 दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जोशीमठ के हालात पर भी बात की। उन्होंने कहा कि वहां तेजी से कई काम हुए हैं, जिसका प्रभाव पड़ा है। उन्होंने इस त्रासदी को भविष्यवाणी से भी जोड़ा। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा- जोशीमठ में पहाड़ों के सिंक होने और घरों में आ रही दरारों पर पहले ही भविष्यवाणी कर दी गई थी। ये अब सच हो रहा है। वहां तेजी से हुए विकास भी इसके जिम्मेदार हैं। बेघर और प्रभावित लोगों को आसरा दिया जाएगा। सतपाल महाराज 2 दिन के दौरे पर जैसलमेर आए हैं। यहां मानव उत्थान सेवा समिति आश्रम के उद्धाटन और सद्भावना सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को मंत्री ने राष्ट्रीय एकता और मानव प्रेम का संदेश दिया।
मानव उत्थान सेवा समिति आश्रम के उद्घाटन और सद्भावना सम्मेलन में बोलते उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज। सम्मेलन का आयोजन जैसलमेर के अभिनव पब्लिक स्कूल ग्राउंड, जेठवाई रोड पर किया जा रहा है।
सद्भावना सम्मेलन में सतपाल महाराज ने जोशीमठ के हालात पर भी बात की। उन्होंने कहा कि वहां तेजी से कई काम हुए हैं, जिसका प्रभाव पड़ा है। उन्होंने इस त्रासदी को भविष्यवाणी से भी जोड़ा। उन्होंने बताया कि भगवान नरसिंह की कलाई पतली होती जा रही है। भविष्य पुराण में लिखा है कि जिस दिन नर सिंह भगवान की कलाई टूट जाएगी, उस दिन नर और नारायण पर्वत दोनों मिल जाएंगे। निश्चित रूप से ये विनाश की एक भविष्यवाणी थी, जो साकार हो रही है।
विस्थापित किए जाएंगे प्रभावित
सतपाल महाराज ने माना कि जोशीमठ में तेजी से हुए काम भी त्रासदी का कारण हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी प्रभावितों को विस्थापित करेगी। उनको आसरा देगी और उनका ख्याल रखेगी। ये बड़ा ही दुखद हादसा है।
सद्भावना सम्मेलन का शनिवार और रविवार दोपहर 1 से 4 बजे तक अभिनव पब्लिक स्कूल ग्राउंड, जेठवाई रोड, जैसलमेर में किया जा रहा है। सतपाल महाराज सम्मेलन में सद्भावना से संबंधित प्रवचन दे रहे हैं। सम्मेलन के आयोजन को लेकर ग्राउंड में बड़ा सत्संग पंडाल बनाया गया है। सम्मेलन में हिस्सा लेने सतपाल महाराज के साथ उनकी धर्मपत्नी और उनके दोनों बेटे भी जैसलमेर आए हैं। सम्मेलन में राजस्थान के अलावा गुजरात, हरियाणा तथा दिल्ली से सैकड़ों श्रद्धालु सतपाल महाराज के ज्ञान-विज्ञान से जुड़े आध्यात्मिक प्रवचन सुनने जैसलमेर पहुंचे हैं।