- 8 KG सोना, 14 करोड़ कैश और 72 घंटे… नांदेड में IT का बड़ा एक्शन, मिली 170 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति - May 15, 2024
- यूट्यूबर और BJP नेता मनीष कश्यप फर्जी वीडियो मामले में बरी, सबूत न मिलने की वजह से मिली राहत - May 15, 2024
- न घर न गाड़ी… 5 साल में 51 लाख रुपये बढ़ी पीएम मोदी की संपत्ति, कमाई का जरिया तो जान लीजिए - May 15, 2024
रोहतक। घर से भागे प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा के लिए हर जिले में प्रोटेक्शन होम स्थापित करने सहित पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए सुझावों पर हरियाणा सरकार ने अमल करना आरंभ कर दिया है। यह जानकारी हरियाणा सरकार ने एक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान दी। हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को जानकारी दी है कि प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा के लिए सभी जिलों में प्रोटेक्शन होम बनेंगे। सभी जिलों में प्रेमी जोड़ों की शिकायत पर कार्रवाई के लिए डीसी द्वारा कमेटियों का गठन किया गया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग को बनाया गया नोडल विभाग
राज्य सरकार ने सभी जिलों में प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया है। सभी जिलों में प्रोटेक्शन होम स्थापित करने का जिम्मा भी इसी विभाग को दिया गया है। केंद्र सरकार को 60 प्रतिशत राशि की मांग को लेकर एक पत्र भी लिखा गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
जिलों में खोले गए हैं वन स्टाप सेंटर
सभी जिलों में प्रेमी जोड़ों की शिकायत पर कार्रवाई के लिए डीसी द्वारा कमेटियों का गठन किया गया है। सभी जिलों में वन स्टाप सेंटर भी खोला गया है, जहां किसी भी तरह से पीड़ित महिला को रहने की सुविधा देकर उचित सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। सभी जिलों में कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा कानूनी सहायता व जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है। डायल 112 व दुर्गा शक्ति ऐप 24 घंटे महिलाओं के सहायता के लिए उपलब्ध है।
प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा देने का काम प्रशासन करें
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि रोजाना दायर होने वाले मामलों में खतरे के वास्तविक मामलों की अकसर अनदेखी हो जाती है और कोर्ट पर केसों का अनावश्यक बोझ भी बढ़ रहा है। इसलिए जोड़ों को सुरक्षा प्रदान करने का काम प्रशासन करे, ताकि कोर्ट पर बोझ कम हो सके। हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को एक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ को प्रेमी जोड़ों को आश्रय घर व कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने को कहा था। हाईकोर्ट ने सरकार व कानूनी सेवा प्राधिकरण को स्थानीय स्तर पर टेलीफोन सेवा और इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले 24 ×7 हेल्प डेस्क स्थापित करने का सुझाव दिया था।