कोरोना की तीसरी लहर बच्‍चों को करेगी प्रभावित? जाने कितना है वक्‍त

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन सहित तमाम जानकार कह चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है। इनमें देश के टॉप वायरोलॉजिस्‍ट डॉ. वी रवि भी शामिल हैं। रवि यह भी कह चुके हैं कि तीसरी लहर में बच्‍चों के चपेट में आने की ज्‍यादा आशंका है। इसलिए पहले से तैयारी कर लेना जरूरी है। आखिर इस तरह के दावों का क्‍या आधार है? रवि ने इसे लेकर कई कारण बताए हैं। आइए, यहां उनके बारे में जानते हैं।

डॉ. रवि का कहना है कि पहले से कई एशियाई देश कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहे हैं। कई पश्चिमी देशों में चौथी वेव आ चुकी है। ऐसे में भारत इससे अछूता रहेगा, यह मान लेना सही नहीं है।

तीसरी लहर में बच्‍चों के चपेट में आने की आशंका के पीछे रवि ने सामान्‍य से लॉजिक दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जो इम्‍यून नहीं हैं, वायरस उन्‍हें पकड़ेगा। बड़ों को वैक्‍सीन मिल रही है। लेकिन, बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन नहीं है। इस पर ट्रायल जारी है। इसमें तीन से 4 महीने का वक्‍त लगेगा। देश में अभी करीब 30 करोड़ बच्‍चे हैं। इनमें से एक फीसदी बच्‍चे भी इंफेक्‍ट हुए तो तकरीबन 3 लाख बच्‍चों पर असर पड़ेगा।

कब तक आ सकती है थर्ड वेव?
रवि के मुताबिक, एक वेव ठंडी पड़ने के बाद दूसरी आने में 3 से 5 महीने का समय लगता है। लिहाजा, नवंबर-दिसंबर के आसपास तीसरी लहर आ सकती है। तीसरी लहर के लिए पहले से ही तैयारी करनी चाहिए। इसके लिए करीब 6 महीने का वक्‍त है।

किस तरह की तैयारियों की है जरूरत?
कर्नाटक के कोविड टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी के सदस्‍य रवि का कहना है कि सरकार को कुछ अहम नीतिगत फैसले लेने हैं। मसलन, अगले अकादमिक सत्र को लेकर उनका नजरिया क्‍या होगा। कारण है कि स्‍कूल सुपर स्‍प्रेडर बन सकते हैं। हमारे पास बच्‍चों के लिए कोविड केयर वॉर्ड और आईसीयू काफी नहीं हैं। कुल मिलाकर मेडिकल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को बढ़ाने की जरूरत है।

अन्‍य डॉक्‍टरों ने भी बजाई है खतरे की घंटी
जाने-माने कार्डिएक सर्जन और नारायण हेल्‍थ के चेयरमैन व संस्‍थापक डॉ देवी शेट्टी ने हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्‍स में एक लेख लिखा है। इसमें कहा है कि कोरोना वायरस ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को चपेट में ले रहा है। इसके लिए वह स्‍वरूप बदल रहा है। पहली वेव के दौरान कोरोना ने मुख्‍य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित किया। दूसरी लहर में युवाओं को अपना शिकार बनाया। तीसरी लहर में बच्‍चों के प्रभावित होने की आशंका है। कारण है कि ज्‍यादातर बड़े पहले ही इंफेक्‍ट हो चुके हैं या फिर उन्‍हें वैक्‍सीन दी जा चुकी होगी।rk