किचन से भी होता है किस्मत का कनेक्शन, जानिए किचन से जुड़े वास्तु दोष और उनके उपाय

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किचन या फिर कहें रसोई किसी भी घर का अहम हिस्सा होती है. यही कारण है कि पंचतत्वों पर आधारित वास्तु में किचन को लेकर खास नियम बनाए गये हैं. यदि आपका किचन वास्तु के अनुसार बना है तो निश्चित रूप से यह आपको सुख , समृद्धि और अच्छी सेहत का कारक बनेगा , वहीं इसके विपरीत यानि वास्तु दोष होने पर आपको जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है . ऐसे में सेहत और सौभाग्य से जुड़े किचन को बनवाते समय हमें वास्तु नियमों की भूलकर भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए . आइए जानते हैं कि किचन में दिशा , रंग आदि समेत किन चीजों का विशेष ख्याल रखना चाहिए .

किसी भी घर में किचन के लिए दक्षिण–पूर्व यानि की आग्नेय कोण को सबसे उत्तम माना गया है, क्योंकि इस दिशा में सूर्य की रोशनी व धूप सबसे अधिक समय तक मिलती है. इसी स्थान पर अग्नि देवता का वास भी होता है.
यदि आप किसी कारण के चलते आग्नेय कोण में अपना रसोईघर न बनवा पाएं तो अपने किचन में गैस के चूल्हे की व्यवस्था आग्नेय कोण में करने का अवश्य प्रयास करें. साथ ही इस बात का भी विशेष ख्याल रखें कि गैस के चूल्हे पर खाना बनाते समय आपका मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर रहे. आपके किचन का दरवाजा कभी भी आपके चूल्हे के स्थान के ठीक सामने नहीं होना चाहिए.

किचन में पानी की निकासी के लिए नाली उत्तर या पूर्व की ओर बनवानी चाहिए. कभी भूलकर भी किचन की नाली को दक्षिण की दिशा की ओर न निकालें.
किचन को कलर करवाने के लिए दीवारों व छत पर सफेद व पीले रंग का प्रयोग सबसे उत्तम माना गया है. यदि आप चाहें तो यहां पर हल्के रंग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

घर के किचन में हमेशा खिड़कियां व धुंआ निकालने वाले एक्जास्ट फैन को पूर्व या पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए.

रसोई घर की दक्षिण दीवार के पास माइक्रोओवन मिक्सर ग्राइंडर आदि रखा जाना अत्यंत शुभ होता है. वहीं पीने का पानी रखने का पात्र ईशान कोण अथवा उत्तरी दिशा में रखना उपयोगी होगा.

यदि आप अपने किचन में रेफ्रिजरेटर भी रखना चाहते हैं तो आप इसे आग्नेय, दक्षिण–पश्चिम अथवा उत्तरी दिशा में रखा जाना चाहिए. कभी भूलकर भी अपने फ्रिज को नैर्ऋत्य कोण में न रखें.