हिमाचल भाजपा में मचा भूचाल, कड़े कदम उठा रही पार्टी; 6 साल तक घर वापसी पर रोक

There is an earthquake in Himachal BJP, the party is taking tough steps; Homecoming ban for 6 years
There is an earthquake in Himachal BJP, the party is taking tough steps; Homecoming ban for 6 years
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शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बगावत पर लगान लगाने के लिए कड़े तेवर इख्तियार कर रही है। दरअसल भाजपा ने हिमाचल विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची घोषित की है। लेकिन इस लिस्ट में अपना नाम नहीं मिलने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने या तो निर्दलीय के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया या फिर अलग से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। भाजपा ने शुक्रवार को घोषणा की कि आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों को पार्टी के छह साल के लिए बाहर कर दिया जाएगा।

भाजपा ने सभी 68 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस लिस्ट में भाजपा ने अपने 11 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है। कुछ अन्य मौजूदा विधायकों की सीटों की अदला-बदली की है। इसका नतीजा ये निकला कि राज्य महिला मोर्चा की महासचिव वंदना गुलेरिया सहित कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वंदना गुलेरिया जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की बेटी हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच भाजपा के टिकट से वंचित किए जाने के विरोध में मंडी सदर से पार्टी के मीडिया सह प्रभारी प्रवीण शर्मा, पूर्व विधायक केएल ठाकुर और जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष नरेश दारजी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। प्रवीण शर्मा मंडी सदर से, केएल ठाकुर नालागढ़ से और नरेश दारजी हमीरपुर से चुनाव लड़ेंगे।

असंतुष्ट नेताओं द्वारा पार्टी के खिलाफ रैलियां करने की खबरों के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि उनकी पार्टी की जीत की संभावना को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति है।” उन्होंने कहा, ‘अगर कोई नेता निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ता पाया जाता है तो उसे छह साल तक पार्टी में स्वीकार नहीं किया जाएगा।” कश्यप ने कहा कि निर्देश जारी किए गए हैं कि पार्टी के खिलाफ मिलीभगत करने वाले कार्यकर्ताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा।

हालांकि, राज्य पार्टी प्रमुख की टिप्पणी, एक दिन पहले उनके द्वारा कही गई बातों के बिल्कुल विपरीत थी। गुरुवार को कश्यप ने कहा था कि पार्टी नेतृत्व ने बागी नेताओं से संपर्क किया है और हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। टिकट बंटवारे को लेकर सत्तारूढ़ दल में काफी नाराजगी है। धर्मशाला में, विधायक विशाल नैहरिया के करीब 200 समर्थकों ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने भाजपा द्वारा आम आदमी पार्टी छोड़ने के बाद हाल ही में भगवा पार्टी में शामिल हुए राकेश चौधरी को टिकट देने के बाद इस्तीफा दे दिया था। आप में शामिल होने के लिए राकेश चौधरी कांग्रेस छोड़कर आए थे।

करसोग में, भाजपा ने नए शामिल किए गए दीप राम कपूर को मैदान में उतारा, जिसके बाद कई युवा मोर्चा के पदाधिकारियों ने अपने समर्थकों के साथ इस्तीफा दे दिया। आनी में सैकड़ों भाजपा समर्थकों ने मौजूदा विधायक किशोरी लाल की मौजूदगी में पार्टी आलाकमान के खिलाफ नारेबाजी की और लोकेंद्र कुमार को चुनावी टिकट दिए जाने पर इस्तीफा दे दिया।

इसके अलावा, शाहपुर में भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी पंकज कुमार ने घोषणा की कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। शाहपुर से बीजेपी ने मंत्री सरवीन चौधरी को उतारा है। द्रांग से विधायक जवाहर ठाकुर भी टिकट नहीं मिलने से खफा हैं।