नई दिल्लीः खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि लखबीर की हार्ट अटैक के चलते मौत हुई है. लखबीर सिंह जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा था. इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) के स्वयंभू प्रमुख और मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे, लखबीर सिंह को यूए (पी) ए के तहत एक ‘व्यक्तिगत आतंकवादी’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया था और इसके बाद वह पाकिस्तान भाग गया था.
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखबीर सिंह के भाई और अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने पाकिस्तान में उसकी मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि उनके भाई का सोमवार को पाकिस्तान में अंतिम संस्कार किया जा चुका है. हाल ही में, मोहाली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने पंजाब के मोगा जिले में नामित आतंकवादी की जमीन को जब्त करने का आदेश दिया था.
ISYF की स्थापना 1984 में हुई थी और यह कनाडा और यूके में काफी सक्रिय है. इसके प्रमुख रोडे लाहौर में बसे हैं.अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, ISYF एक सक्रिय आतंकवादी समूह संगठन था. ISYF के लश्कर-ए-तैयबा (LeT) सहित इस्लामी आतंकवादी समूहों के साथ भी संबंध हैं. ISYF को 22 मार्च, 2002 को आतंकवादी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम (POTA) के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था. भारत में प्रतिबंधित होने के अलावा, समूह को 2001 में यूके में भी प्रतिबंधित कर दिया गया था. यूके में प्रतिबंध के बाद, समूह ने अपना नाम बदलकर सिख फेडरेशन कर लिया था.
वेंटिलेटर पर पहुंचा भारत का दुश्मन, 26/11 का साजिशकर्ता पाकिस्तान में बना निशाना
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैएबा के गुर्गों की रहस्यमयी हत्याओं के बीच बड़ी जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल आतंकी और लश्कर कमांडर साजिद को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह मुंबई में हुए 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। पिछले साल जून में एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने मीर को सजा सुनाई थी जिसके बाद से वह कोट लखपत जेल में बंद रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि जेल के भीतर लश्कर कमांडर को जहर दिया गया और उसके बाद से ही वह वेंटिलेटर पर है।
साजिद मीर को लेकर यह जानकारी ऐसे वक्त सामने आई है जब इस तरह के इनपुट मिल रहे थे कि उसे डेरा गाजी खान जेल भेजे जाने की तैयारी चल रही है। मीर को हॉस्पिटल में एडमिट कराए जाने को लेकर सूत्रों के हवाले से यह बात भी कही जा रही है कि यह विदेशी ताकतों को चमका देने की यह चाल हो सकती है। दरअसल, पाकिस्तान के ऊपर लश्कर कमांडर के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने का दबाव बढ़ता जा रहा था।
टेरर फाइनेंसिंग केस में 8 साल की काट रहा सजा
आतंकी मीर को टेरर फाइनेंसिंग केस में 8 साल की सजा सुनाई गई थी। साथ ही उस पर 4.2 लाख का जुर्माना भी लगाया गया। पाकिस्तान की ओर यह यह ऐक्शन भारी दबाव के बाद ही उठाया गया। पाक सरकार के सामने FATF की कार्रवाई से बचने का यही एक रास्ता था। मालूम हो कि एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो आतंक के वित्त पोषण और मनी लांड्रिंग मामलों को ट्रैक करता है। मीर को बीते अप्रैल में हिरासत में लिया गया जबकि जेल की सजा तो उसे जून, 2022 में ही सुना दी गई थी।
जहर देने की बात क्यों हो सकती है एक चाल
भारतीय खुफिया विभाग के सूत्रों का कहना है कि मीर को जहर देने की बात पाकिस्तान की चाल भी हो सकती है। लश्कर आतंकी को अमेरिका प्रत्यर्पित करने से बचाने का प्रयास हो सकता है। अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने पहले ही साजिद मीर के सिर पर 5 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ है। अमेरिकी सरकार की वांटेंड लिस्ट में मीर का नाम दर्ज है। पाकिस्तान पहले भी मीर की मौत के दावे कर चुका है। हालांकि, उसकी बात पर न तो भारत और न ही पश्चिमी देशों को यकीन हुआ। जब आतंकी की मौत के सबूत मांगे गए तो पाक आनाकानी करने लगा था।