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लखनऊ। योगी मॉडल का ज़िक्र अपराधी या अपराध के ख़िलाफ़ सरकार की सख्ती के तौर पर हो रहा है। सरकार का दावा है कि अब देश भर में योगी मॉडल की चर्चा हो रही है। दावा यह भी है कि इसी ‘योगी मॉडल’ ने यूपी की पूरी तस्वीर बदल दी है। सत्ता में वापसी के बाद सीएम योगी की कानून-व्यवस्था को लेकर सख्ती के परिणाम सामने आ रहें है। NCRB के आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहें है।
कहा जा रहा है कि CM योगी की सख्त प्रशासक छवि से यूपी की जनता सुरक्षित हुई है। NCRB के ताजे आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में UP में कमी आई है। इतना ही नही NCRB की रिपोर्ट मे यूपी को दंगा-मुक्त प्रदेश बताया गया है।
UP में सांप्रदायिक सौहार्द बरकरार
देश में 2021 में कुल 378 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं दर्ज हुईं है। लेकिन यूपी इकलौता ऐसा प्रदेश है जिसमें केवल एक घटना हुई है। अगर एनसीआरबी के आंकड़ों को सही माने तो फिर यूपी दंगा-मुक्त है जबकि झारखंड जैसे राज्य में एक साल में 100 से ज्यादा संप्रदायिक दंगे हुए है।
2021 में केवल एक सांप्रदायिक हिंसा की घटना
उत्तर-प्रदेश में 2019 और 2020 में एक भी नहीं
झारखंड में 100,
बिहार-51,
राजस्थान-22,
महाराष्ट्र-77
हरियाणा में 40 घटनाएं
UP में बाल अपराध में हुई कमी
NCRB के आंकडों के आधार पर दावा किया जा रहा है कि यूपी में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी बहुत कमी आई है। बाल अपराधों में 11.11 फीसदी की कमी आई है। यूपी में साल 2019 में UP में बच्चों के खिलाफ 18943 मामले रजिस्टर्ड हुए थे जबकि साल 2021 में यह घटकर 16838 हो गए है।
महिला-अपराधों में भी आई कमी
साल 2019 में UP में महिलाओं के खिलाफ 59853 मामले दर्ज हुए थे। लेकिन इसके बाद साल 2021 में घटकर यह मामले 56083 हो गए है। साफ है कि साल 2019 की तुलना में 2021 में महिला अपराधों में 6.2 फीसदी की कमी आई है। इसी आंकड़े के आधार पर दावा किया जा रहा है कि यूपी में महिलाएं सुरक्षित है।