अभी अभीः चुनाव से पहले नरेश टिकैत का BJP पर बडा ऐक्शन, कर दिया ये ऐलान

इस खबर को शेयर करें


मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर के किसानों पर पूरी दुनिया की निगाह टिकी है। लेकिन किसानों को लंबा संघर्ष करना होगा। आंदोलन को दिनचर्या का हिस्सा बना लें। किसान बॉर्डर को मजबूत करें। सरकार झुक रही है। 22 को लखनऊ, 26 को गाजीपुर, 29 नवंबर को संसद और 12 दिसंबर को कैराना कूच का आह्वान किया गया। किसान बारूद के ढेर पर बैठे हैं। आंदोलन से ही जिंदा रहेंगे। यह जिम्मेदारी सबको निभानी होगी।

किसान भवन पर बुधवार को आयोजित पंचायत में टिकैत ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कोई भाजपा का बस्ता थामने वाला भी नहीं मिलेगा। किसान भाजपा सरकार से बेहद नाराज हैं। किसान आंदोलन इतिहास बन गया है, मुजफ्फरनगर पर करोड़ों लोगों की निगाह टिकी है। भाजपा सरकार के साथ लड़ाई है, किसान मजबूत रहें। सरकार झुक रही है।

जमीन से मोहभंग करना सरकार की साजिश है। जमीन कम हो रही है। किसान से जमीन बेचने और खरीदने का अधिकार भी यह लोग छीन लेंगे। जाति और मजहब को भूलकर किसानों को एक होना होगा। जनसमूह और पैसे के अभाव में आंदोलन कमजोर नहीं होने देंगे। सिंघु बॉर्डर पर कोई ढील नहीं है, किसानों को गाजीपुर का बॉर्डर भी मजबूत करना है।

किसान आंदोलन बड़ी जिम्मेदारी है सबको निभानी होगी। आंदोलन को दिनचर्या का हिस्सा बना लो। भाकियू नेता ओमपाल मलिक ने कहा कि गठवाला खाप आंदोलन में साथ खड़ी है। अध्यक्षता ठाकुर जगत सिंह और संचालन बिजेंद्र बालियान ने किया।

मौके पर चेयरमैन जहीर फारुकी, मंडल सचिव नवीन राठी, धीरज लाटियान, जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा, विनय कुमार, ओमपाल मलिक, मास्टर ओमपाल सिंह, मांगेराम त्यागी, नैनपाल चौहान, विकास शर्मा, ठाकुर कुशलवीर सिंह, विशाल बालियान, अभिजीत बालियान, कपिल खाटियान मौजूद रहे।

मूंछ का सवाल छोड़कर भाईचारा मजबूत करो
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि समाज में भाईचारे की स्थापना करनी होगी। हर बात को मूंछ का सवाल बनाना छोड़ना पड़ेगा। युवाओं के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। वही समाज के प्रहरी हैं। समाज सुधार की जिम्मेदारी भी युवाओं को लेनी होगी। आपसी झगड़े कम करो, हर बात को मूंछ पर मत ले जाओ।

दो प्रतिशत जाट ही मानते हैं फैसले : टिकैत
पंचायत में भाकियू अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह हर महीने सैकड़ों फैसले सामाजिक तरीके से करते हैं। फीकी चाय पर यह फैसले करते हैं। समाज अपनी स्थिति खुद देखें। गैरजाट 98 प्रतिशत फैसले मानते हैं, लेकिन जाट सिर्फ दो प्रतिशत ही मानते हैं।

21 नवंबर को कूच करेंगे किसान
भाकियू नेता ओमपाल मलिक ने कहा कि किसान लखनऊ पंचायत के लिए 21 नवंबर को नौचंदी से रवाना होंगे। इसके लिए पहले से ही तैयारी कर लें।

उमरपुर प्रकरण में भाजपा नेताओं पर उठाए सवाल
बुढ़ाना के उमरपुर गांव में हुए झगड़े के मामले में महिला अनुपमा देवी के नेतृत्व में ग्रामीण पंचायत में पहुंचे। ग्रामीणों ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया कि वह गांव में सांप्रदायिक माहौल बनाना चाहते हैं। भाजपा नेता ही झगड़े की साजिश रच रहे हैं।

चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि हमारा मुकाबला एक ऐसी सरकार के साथ में है जो अपनी जिद पर अड़ी हुई है। यह सरकार किसानों की मांगों को न मानते हुए उन्हें आज बॉर्डर पर एक साल से बैठाए हुए हैं। सरकार का यह जिद्दी रवैया एक तानाशाह सरकार को दर्शाता है।