वीके भावरा होंगे पंजाब के नए डीजीपी, चुनाव घोषणा से पहले चन्नी सरकार ने लगाई नाम पर मुहर

इस खबर को शेयर करें

चंडीगढ़। 1987 बैच के आइपीएस अफसर वीके भावरा पंजाब के नए डीजीपी होंगे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज चुनाव आचार संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले ही उनके नाम पर मुहर लगाई। इसके साथ ही उनके नाम की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। नए डीजीपी ने पदभार भी ग्रहण कर लिया है।

बता दें, यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से चार जनवरी को ही पंजाब में स्थायी डीजीपी लगाने के लिए तीन अफसरों का पैनल भेज दिया गया था। सूत्रों की मानें तो यूपीएससी की ओर से भेजे गए पैनल को लेकर वीरवार और शुक्रवार के बीच की रात को एक बजे तक मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा , मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और गृह विभाग के एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा आदि के बीच लंबी चर्चा चली लेकिन कोई फैसला नहीं लिया जा सका। हालांकि गृह विभाग की ओर से यह संकेत दिया गया था कि वीरवार रात को ही फैसला हो जाएगा। फाइल पर केवल मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर करवाना की औपचारिकता बाकी है, लेकिन देर रात मीटिंग में भी यह फैसला नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि आज सीएम ने भावरा के नाम पर मोहर लगा दी है।

यूपीएससी ने डीजीपी के पद के लिए तीन अफसरों का चयन किया था जिसमें 1987 बैच के दिनकर गुप्ता और वीके भावरा हैं और 1988 बैच के प्रबोध कुमार हैं। चूंकि दिनकर गुप्ता गृह विभाग को पहले ही लिखकर दे चुके हैं कि वह डीजीपी बनने के इच्छुक नहीं हैं, इसलिए वीके भावरा पहले से ही डीजीपी रेस में सबसे आगे थे। प्रबोध कुमार बेअदबी कांड की जांच में शामिल होने और इस पर कोई कार्रवाई न कर पाने को लेकर सरकार की पसंदीदा अफसरों की सूची से पहले ही उतर गए थे। दिनकर गुप्ता की तरह प्रबोध कुमार ने भी अपना केंद्रीय डेपुटेशन पर जाने की इच्छा व्यक्त की थी।