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चंडीगढ़: पंजाब विधान सभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) के लिए रविवार को होने वाले मतदान की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. करीब 2.14 करोड़ मतदाता प्रदेश की 117 सीटों पर किस्मत आजमा रहे 1,304 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. इन प्रत्याशियों में 93 महिलाएं भी शामिल हैं.
मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि मतदान सुबह 8 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे तक चलेगा. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी. पंजाब में इस बार कांग्रेस, AAP, SAD-BSP गठबंधन, BJP-PLC-SAD (संयुक्त) और संयुक्त समाज मोर्चा के बीच बहुकोणीय मुकाबला है.
कांग्रेस के सामने सत्ता बचाने की चुनौती
अपनी सत्ता को कायम रखने की कोशिश कर रही सत्तारूढ़ कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों को लेकर विभिन्न राजनीतिक विरोधियों के तीखे हमलों का सामना करना पड़ा है, जिनमें मादक पदार्थ और भ्रष्टाचार के मुद्दे भी शामिल हैं. कांग्रेस इसके जवाब में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के 111 दिनों के कार्यकाल का उल्लेख कर बिजली की दरों और ईंधन की कीमत में हुई कमी जैसे फैसलों का हवाला दे रही है.
पंजाब में कांग्रेस के खिलाफ सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी AAP इस बार सत्ता में आने की पूरी कोशिश कर रही है. वह अपने दिल्ली मॉडल को पेश कर राज्य में सरकार बनाने के लिए जी-जान से लगी हुई है.
SAD-बसपा गठबंधन का भविष्य दांव पर
इस चुनाव शिरोमणि अकाली दल का भी बहुत कुछ दांव पर लगा है. कृषि कानूनों के मुद्दे पर वर्ष 2020 में बीजेपी के साथ नाता तोड़ने के बाद वह इस बार बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरा है.
वहीं इससे पहले SAD के साथ गठबंधन में जूनियर पार्टनर की भूमिका में रहने वाली बीजेपी ने भी अपनी नई राह चुन ली है. पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा के शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन करके वह इस बार राज्य में प्रमुख भूमिका में है. इस गठबंधन ने राज्य के मतदाताओं से ‘नवा पंजाब के लिए डबल इंजन की सरकार’ बनाने की अपील की है.
क्या कमाल कर पाएगा संयुक्त समाज मोर्चा?
वहीं कृषि आंदोलन में शामिल पंजाब के कई किसान संगठन भी ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ बनाकर राज्य के विधान सभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) में उतरे हैं. इसके लिए उन्होंने हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी की संयुक्त संघर्ष पार्टी के साथ गठबंधन किया है.
इस चुनाव में कई चर्चित चेहरों की चुनावी किस्मत दांव पर लगी है. इनमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा भगवंत मान, कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल प्रमुख हैं. पूर्व सीएम रजिंदर कौर भट्टल, बीजेपी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला भी इस चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं.
‘फ्री’ के वादों से मतदाताओं को लुभाया
इस चुनाव में सभी प्रमुख पार्टियों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए मुफ्त की सौगात देने के वादे किए हैं. AAP और कांग्रेस ने जरूरतमंद महिलाओं को एक-एक हजार रुपये देने का वादा किया है. SAD-बसपा गठबंधन ने गरीबी रेखा से नीचे धारक परिवार की महिला मुखिया को प्रत्येक महीने दो हजार रुपये देने का वादा किया है.
इसके साथ ही गठबंधन वादा किया है कि राज्य की 75 प्रतिशत सरकारी और निजी नौकरियों को पंजाब के युवाओं के लिए आरक्षित करने का वादा किया है. वहीं बीजेपी गठबंधन ने वादा किया है कि वह राज्य की सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण लागू करेगी.
सभी पार्टियों के नेताओं ने झौंकी ताकत
पंजाब विधान सभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आखिरी वक्त तक प्रचार किया. राज्य में जारी चुनाव प्रचार शुक्रवार को खत्म हो गया.
बताते चलें कि वर्ष 2017 में हुए असेंबली के चुनाव में कांग्रेस को 77, SAD-भाजपा गठबंधन को 18 और AAP को 20 सीटें मिली थीं. वहीं दो सीटें लोक इंसाफ पार्टी के खाते में गई थीं.