छोटे दलों के गठबंधन से सपा करेगी वापसी? सर्वे के रिजल्ट ने किया हैरान

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नई दिल्ली।समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव की तारीखों के एलान से काफी पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि यूपी में अब वो बड़ी पार्टियों के बजाय छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे। उन्होंने ऐसा ही किया भी। सपा ने इस विधानसभा चुनाव में जंयती चौधरी की आरएलडी सहित कई छो-छोटे दलों के साथ गठबंधन किया है। सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी है।

यूपी में अखिलेश यादव बढ़े रहे कुनबे को लेकर लोगों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दिए हैं। एबीपी सी वोटर ने अपने हालिया सर्वे में यूपी की जनता से इसको लेकर सवाल किया था। उन्होंने पूछा था कि छोटे दलों से गठबंधन से यूपी में अखिलेश यादव को फायदा होगा या नुकसान? लोगों ने जो जवाब दिए हैं वो हैरान करने वाले हैं।

इस सर्वे में शामिल करीब 46 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि इससे अखिलेश यादव को फायदा होगा। वहीं, 37 प्रतिशत लोग इसे समाजवादी पार्टी के लिए नुकसान के तौर पर देखते हैं। वहीं, 14 प्रतिशत लोगों का कहना है कि इसका कोई असर नहीं होने जा रहा है। तीन प्रतिशत लोगों के पास कोई जवाब नहीं था।

इन दलों के साथ सपा का गठबंधन
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का गठबंधन राष्ट्रीय लोक दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी, अपना दल (कमेरादेवी) और महान दल के साथ हुआ है। वहीं, अखिलेश यादव और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी भीम आर्मी से भी बातचीत अंतिम दौर में है।

अखिलेश यादव ने कुछ समय पहले कहा था, ‘किसी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेंगे। दोनों मौकों पर बड़े दलों के साथ अनुभव कड़वा था। केवल छोटे और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन होगा। अन्य दलों के लोगों का सपा में शामिल होने का स्वागत है।” सपा ने 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ और 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन किया था। दोनों में ही करारी हार का सामना करना पड़ा।