फलोदी सट्टा बाजार ने बता दिया यूपी का रिजल्टः जानें किसी सीट पर कौन मारेगा बाजी

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Phalodi Satta Market Prediction: लोकसभा चुनाव में राजस्थान का फलोदी सट्टा मार्केट फिर से एक्टिव या है. राजस्थान के फलोदी जिले का सट्टा बाजार पूरी देश में चर्चाओं में रहता है. इसके आंकड़े जानकर कई नेताओं की धड़कनें तेज हो जाती हैं. देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दो चरणों के मतदान हो चुके हैं. किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, कौन जीतेगा और कौन हारेगा इसका आंकलन लगना शुरू हो गया है. यहां के सट्टा बाजार में क्यो बोली लग रही है, इस पर सभी की निगाहें हैं.आइए इस लेख में जानते हैं राजस्थान के प्रसिद्ध फलोदी सट्टा बाजार में क्या अनुमान है. इस बार के लोकसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को लेकर फलोदी सट्टा बाजार का क्या आंकलन है.

यूपी में बीजेपी करेगी कमाल!
फलोदी सट्टा मार्केट बीजेपी को 335 से 340 सीटें मिलने का अनुमान लगा रहा है. यहां के आंकलन के अनुसार देश में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है. अनुमान के मुताबिक बीजेपी अपने दम पर ही बहुमत हासिल कर लेगी. फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से बीजेपी और उसके सहयोगी दल 73 से 75 सीटों पर कब्जा कर सकती है. वहीं यूपी में इंडिया गठबंधन के खाते में 5 सीटे जा रही हैं. सट्टा बाजार के आंकलन के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी का इस चुनाव में खाता भी नहीं खुलेगा.

ये है सट्टा बाजार में बीजेपी और कांग्रेस का भाव
सट्टा बाजार के मुताबिक बीजेपी (BJP) की 330 से 335 सीटों का भाव 1 रुपये. जबकि 350 सीटों का भाव 3 रुपये और 400 सीटों का भाव 12 से 15 रुपये चल रहा है. जबकि NDA की 400 सीटों का भाव 4 से 5 रुपये ही चल रहा है. सट्टा बाजार के अनुमानों के मुताबिक बीजेपी को 400 पार सीटें मिलना काफी मुश्किल है.

कांग्रेस को कितनी सीटें दे रहा सट्टा मार्केट
फलोदी सट्टा मार्केट ने कांग्रेस को 40-42 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. कांग्रेस केंद्र में इस बार भी सरकार नहीं बना पाएगी. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 52 सीटें आई थीं.

इन आंकलन की वजह से बढ़ा भरोसा
पिछले साल मई में कर्नाटक में चुनाव हुए थे. फलोदी सट्टा बाज़ार ने कांग्रेस को 137 और भाजपा को 55 सीटें दी थीं. नतीजों में कांग्रेस को 135 और बीजेपी को 66 सीटें मिली . इससे पहले 2022 में हिमाचल प्रदेश में कांटे की टक्कर के बीच कांग्रेस की जीत का दावा किया गया था,ऐसा हुआ भी. इसलिए सट्टा बाजार का आंकलन सही माना जा रहा है.

कैसा है फलोदी सट्टा बाजार का गणित
बता दें कि फलोदी सट्टा बाजार में हारने वाली पार्टी पर भाव ज्यादा होता है, जबकि जीतती हुई पार्टी पर भाव कम होता है. खास बात यह है कि फलोदी सट्टा बाजार का गणित उल्टा है. चुनाव में जिस उम्मीदवार का फलोदी सट्टा बाजार भाव कम है, इसका मतलब ये नहीं कि वो कमजोर है. कम पैसे के भाव का मतलब उस प्रत्‍याशी की जीत की संभावना उतनी ही ज्यादा है. अगर किसी प्रत्याशी के भाव ही नहीं निकल रहे, मतलब उनके हार की संभावना प्रबल है.

सटोरिए लगाते हैं अनुमान
इस बाज़ार के लोगों के दावे हैं कि ये अख़बार पढ़ते हैं, मीडिया रिपोर्ट्स पर लगातार नजर रखते हैं.नेताओं की सभाओं में कितनी भीड़ है ये देखते हैं. ये सटोरिए लोगों से बात करते हैं और वोटिंग प्रतिशत देखते हैं. उसके बाद ही ये अनुमान लगाते हैं. सटोरियों के इस बाजार में सबको अपने विचार रखने की छूट है. ऐसा कहते हैं कि गली-गली घर-घर सट्टा खेला जाता है. अगर किसी नेता पर जूता फेंका गया है तो वह सीधा गिरेगा या उल्टा, इस बात पर भी सट्टा लग जाता है.

फलोदी सट्टा बाज़ार
पूरे हिंदुस्तान में फलोदी के सट्टा बाज़ार का नेटवर्क है. फलोदी का ये सट्टा बाजार काफी प्रसिद्ध है. ऐसा कहा जाता है कि इसका कारोबार करोड़ों में है. यहां रोज़ाना अघोषित तौर पर करोड़ों का सट्टा लगया जाता है. लोकसभा चुनाव की वोटिंग के बीच लोगों के बीच ये जानने की उत्सुकता है कि किसकी बनेगी सरकार? राजस्थान के छोटे से शहर फलोदी की चर्चा हर तरफ है. हार-जीत को लेकर अगर कहीं का सट्टा सबसे ज़्यादा चर्चा में रहता है तो वो फलोदी का है.

500 साल से खेला जा रहा सट्टा
जानकारों के मुताबिक बीकानेर और शेखावटी में पारंपरिक रूप से करीब 500 साल से सट्टा खेला जा रहा है.