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शिमला. हिमाचल प्रदेश में मॉनसून फिर सक्रिय हो गया है. सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक तेज़ बारिश हुई.. मौसम विभाग ने 21 सिंतबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. इस दौरान चार जिलों कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और सोलन में बारिश का अनुमान है. इन चारों जिलों में मंगलवार को सुबह से बारिश हो रही है. प्रदेश में 24 सितंबर तक मौसम खराब रहने का अनुमान है.
मनाली के साथ लगते बरुआ गांव में बादल फटा है. बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई और लोगों के घरों में बाढ़ का पानी और मलबा घुस गया है. भारी बारिश से सेब की फ़सल और बगीचों को नुकसान हुआ है. हालांकि राहत की बात है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है. मनाली सहित आसपास के क्षेत्रों में देर रात से लगातार बारिश हो रही है.
मनाली के एसडीएम ने बताया कि नुकसान का जायजा लेने के लिए टीम मौके के लिए रवाना हुई है. उन्होंने कहा कि भारी बारिश हुई है. वहीं, सिरमौर जिले के नाहन तहसील के चम्यार कोराड गांव में बादल फटा है. यहां पर भारी बारिश से खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. हालांकि, कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है. वहीं, रेणुका जी सतोन मार्ग टिक्कर (सतोन) के समीप भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया है.
इससे पहले, सोमवार को शिमला के ठियोग में मतियाना के नजदीक नन्नी ढांक में चट्टानें दरकने से नेशनल हाईवे-5 पर कई घंटे वाहनों की आवाजाही थमी रही. हाईवे पर सेब से लदे ट्रक और बसें फंसी रहीं. सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे नन्नी ढांक से बड़ी चट्टान गिरकर हाईवे पर आ गई. हालांकि, छोटे वाहन यहां से जोखिम लेकर गुजरते रहे. बड़ी चट्टान को तोड़ने के बाद करीब साढ़े चार बजे बहाल किया जा सका.
ठियोग में घर गिरा
शिमला के ठियोग में मतियाना के पास कंक्रीट से बना चार मंजिला भवन गिर गया और चार मजदूर घायल हो गए। अमी चंद चंदेल के कंक्रीट के इस भवन में स्थानीय आढ़ती सेब स्टोर करते थे. हादसे के समय लगभग दो हजार सेब की पेटियां वहां रखी थीं. दोपहर करीब 11 बजे हुई. उस समय भवन में मजदूर सेब स्टोर करने के लिए काम कर रहे थे. भवन गिरने से पहले जमीन खिसकने और कंक्रीट चटखने की आवाजें आने लगी तो मजदूरों ने खतरे को भांपते हुए कूदकर जान बचाई.
तापमान लगा गिरने लगा
हिमाचल में ऊंचाई वाले इलाकों में अब ठंड ने दस्तक दे दी है. सूबे में सोमवार को सबसे अधिक तापमान ऊना में 34 डिग्री दर्ज किया गया. केलांग में सबसे कम 10 डिग्री पारा रिकॉर्ड हुआ. मौसम विभाग का कहना है कि सूबे में मॉनसून सामान्य है. वहीं, हिमाचल में इस मॉनसून सीजन में 1000 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. सितंबर के अंत तक सूबे से मॉनसून की विदाई का अनुमान है.