क्यों अक्सर झगड़ते हैं भाई-बहन? क्या है इसके पीछे की साइकोलॉजी?

Why do brothers and sisters often fight? What is the psychology behind this?
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Siblings Day 2024: आपने आज तक मदर डे, फादर दे, फ्रेंडशिप डे सुना होगा, लेकिन बहुत कम लोगों ने सिबलिंग्स डे (Siblings Day) के बारे में सुना होगा. आज 10 अप्रैल है इसी दिन दुनिया के बहुत से देशों में सिबलिंग्स डे मनाया जाता है. दरअसल सिबलिंग्स एक अंग्रेजी वर्ड है, हिंदी का इसका मतलब भाई-बहन होता है. वैसे तो भारत में इस संबंध को बहुत पवित्रता के साथ धूमधाम से मनाया जाता है, इसके लिए एक खास दिन होता है, जिसे हम रक्षा बंधन के नाम से जानते हैं. मगर दुनिया भर में इसे सिबलिंग्स डे के नाम से हर साल 10 अप्रैल को मनाया जाता है. ऐसे में आइए आज इस खास मौके पर ये जानते हैं कि आखिर भाई बहन में क्यों इतना झगड़ा होता है? साथ ही ये भी जानेंगे कि इसके पीछे की क्या साइकोलॉजी है?

भाई बहन के संबंध-
भाई-बहन का संबंध उन संबंधों में से होता है जिसे हम स्वयं नहीं चुन सकते हैं जैसे हम एक दोस्त चुन सकते हैं, हम एक जीवनसाथी चुन सकते हैं, मगर जिस तरीके से हमें मां-बाप दादा-दादी को अपने आप पाते हैं उसी तरह से भाई बहन भी एक दूसरे को अपने आप मिलते हैं. अक्सर ऐसा होता है कि भाई बहन में खूब झगड़ा होता है, लेकिन आमतौर पर ये झगड़ा दोनों के एक दूसरे के प्रति स्नेह को दर्शाता है. कई बार पेरेंट्स इस झगड़े को लेकर बहुत चिंतित हो जाते हैं, मगर ऐसा होना बहुत आम बात है. इसको अंग्रेजी के टर्म में सिबलिंग्स रायवलर्री कहा जाता है. “सिबलिंग्स रायवलर्री” शब्द को पहली बार 1930 में फ्रांस के रिसर्चर डेविड लेवी ने दिया था.

खैर, अक्सर आपने देखा होगा भाई-बहन या भाई-भाई दोनों ही बहुत फ्रीक्वेंटली एक दूसरे लड़ाई करते हैं. इन झगड़ों की शुरुआत सामान्य तौर पर एक दूसरे को नाम से बुलाने, बुली करने, एक दूसरे को बिना मतलब का मारना से होती है. कई बार इसमें पेरेंट्स को भी इंटरवीन करना पड़ता है.

क्या है लड़ने के पीछे की साइकॉलजी?
आपने देखा होगा भाई-बहन जब एक साथ रहते तभी एक दूसरे के प्रति मनमुटाव की भावना आती है. जब एक दूसरे से थोड़ी देर के लिए दूर होते हैं तो वो उन्हें खूब मिस करते हैं, ये दर्शाता है कि दोनों के बीच का बॉन्ड कितना मजबूत है. असल में होता क्या है कि बच्चे जो चाहते हैं उसको पूरा करने की पूरी कोशिश करते हैं, और जब वो पूरा नहीं कर पाते हैं तो जिस कारण से वो काम रुका होता है उसे ही ब्लेम करते हैं. अब जब दोनों एक साथ रहते हैं तो दोनों की कोई न कोई महत्वाकांक्षा होती है जिसे वो पूरा करना चाहते हैं, इसी कारण दोनों में मनमुटाव होने लगता है. अब दोनों में इतनी मैच्योरिटी होती नहीं है कि कब किन चीजों को अवॉइड करना है ये समझें, और न ही इसकी समझ होती है कि दोनों को लड़ते समय किन-किन बाउंड्रीज का ध्यान रखें. यही कारण है कि दोनों एक दूसरे से खूब लड़ते हैं.

इसके अलावा और भी कुछ कारण होते हैं जो भाई बहन के लड़ने का कारण बनते हैं.
– ईर्ष्या: बच्चे अपने भाई-बहनों से ईर्ष्या कर सकते हैं, खासकर अगर उन्हें लगता है कि उनके माता-पिता उनसे अधिक प्यार करते हैं.
– कंपटीशन: बच्चे अपने भाई-बहनों से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, खासकर अगर वे समान रुचियां या क्षमताएं रखते हैं.
– असहमति: भाई-बहनों के बीच विचारों और भावनाओं में असहमति हो सकती है, जिससे झगड़े हो सकते हैं.

भाई-बहनों के बीच झगड़ों को रोकने के लिए पेरेंट्स कुछ उपाय कर सकते हैं-

बच्चों को समान ध्यान दें: माता-पिता को अपने सभी बच्चों को समान ध्यान और प्यार देना चाहिए
बच्चों को ईर्ष्या से निपटने में मदद करें: माता-पिता को अपने बच्चों को ईर्ष्या से निपटने में मदद करनी चाहिए.
बच्चों को प्रतिस्पर्धा से दूर रखें: माता-पिता को अपने बच्चों को प्रतिस्पर्धा से दूर रखना चाहिए.
बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें: माता-पिता को अपने बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

भाई-बहनों के बीच झगड़े भले ही आम हों, लेकिन दोनों के संबंध पर बहुत गहरा असर डाल सकते हैं. इसलिए पेरेंट्स को इसका खूब ध्यान रखना चाहिए.