हिमाचल में हाईकमान के फरमान के बाद भी कांग्रेस नेताओं की सक्रियता में एकजुटता नहीं

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शिमला: हाईकमान के फरमान के बाद भी कांग्रेस नेताओं की सक्रियता में एकजुटता नहीं दिख रही है। प्रदेश कांग्रेस के कई नेता भले ही सक्रिय हैं, लेकिन खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजरें गड़ाए हुए हैं। ये नेता अपने विधानसभा क्षेत्र से बाहर निकलकर पार्टी के प्रचार का साहस नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस के एक कद्दावर नेता अपने विधानसभा क्षेत्र को हिमाचल प्रदेश का मॉडल बनाने का दावा कर रहे हैं। यह नेता भी क्षेत्र विशेष तक प्रचार करने में सीमित हैं।

इस नेता ने विधानसभा क्षेत्र से बाहर कुछ एक रैलियों में जरूर हिस्सा लिया था। यह नेता अपने क्षेत्र के प्रचार में सोशल मीडिया पर खूब सक्रियता दिखा रहे हैं। कांग्रेस के दो वरिष्ठ विधायक भी विधानसभा चुनाव करीब आते देख ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। अभी तक ये नेता बयान देने तक सीमित थे और अब ये भी अपने विधानसभा क्षेत्रों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। जिस तरीके से पार्टी के नेता अलग-अलग सक्रियता दिखा रहे हैं, उससे पार्टी नेताओं में एकजुटता कितनी है, यह किसी से छिपा नहीं है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस वक्त प्रदेश कांग्रेस में कोई ऐसी धुरी नहीं है, जो पार्टी नेताओं को एकजुट कर प्रदेश भर में भाजपा के खिलाफ जोरदार तरीके से अभियान छेड़ सके।

हाईकमान भी एकजुटता का पाठ पढ़ाने के बाद इतिश्री कर चुका है। हाल ही में सोनिया गांधी ने प्रदेश कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं को विधानसभा चुनाव से पहले एकजुट होने की सलाह दी थी, मगर अभी भी इनकी अपनी-अपनी डफली और अपना-अपना राग बज रहा है। कांग्रेस की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान भी संगठन में बड़े बदलाव करने की तैयारी में है।