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पटना: रामचरितमानस पर अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर चर्चा में रहे बिहार के शिक्षा मंत्री संस्कारों के धनी हैं। उन्होंने उसी रामायण के संस्कार को फॉलो करते हुए मुख्यमंत्री के पैर छुए। अब जानकार और सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि आखिर शिक्षा मंत्री को ऐसी सदबुद्धि कैसे आ गई। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने बुधवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छुए, जिससे राज्य के राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया।
मंत्री ने सीएम के पैर छुए
लोगों का मानना है कि जब से तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद परिवार के अन्य सदस्य सीबीआई और ईडी के राडार पर आए हैं, तभी से राजद के नेता रक्षात्मक रणनीति अपना रहे हैं। राजभवन में पटना उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश ए. विनोद चंद्रन के शपथ ग्रहण समारोह में विजय कुमार चौधरी, संजय झा और अन्य जैसे नेताओं की मौजूदगी में यादव के इशारे ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
मंत्री के व्यवहार की चर्चा शुरू
सूत्रों का कहना है कि नौकरी के लिए जमीन मामले को लेकर तेजस्वी यादव कमजोर नजर आ रहे हैं और सीबीआई और ईडी उन पर लगातार दबाव बना रहे हैं। चंद्रशेखर यादव ही थे, जिन्होंने जनवरी में रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था, जिससे बिहार में बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। यहां तक कि गठबंधन सहयोगी जदयू ने दावा किया कि वह भाजपा की पिच पर बल्लेबाजी कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उनका बयान उचित नहीं है। हालांकि यह जानते हुए कि नीतीश कुमार उनसे खुश नहीं हैं, आलोचना के बावजूद यादव ने कहा कि वह अपने रुख पर अड़े रहेंगे।