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नई दिल्ली: पिछले साल से कोरोनोवायरस के प्रकोप की वजह से लगभग हर कंपनी वर्क फ्रॉम होम मॉडल पर काम कर रही है। यह है एक ऐसे मॉडल है जिसपर काम करने का शायद किसी ने नहीं सोचा हो। लेकिन अब वर्क फ्रॉम होम एक नया नार्मल हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां जैसे की Google, Apple, Microsoft, Facebook, Twitter इस प्रणाली को सबसे पहले आपने वाली कंपनियां थी। अब इससे जुड़ी एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसके अनुसार, Google ने वर्क फ्रॉम होम मॉडल की वजह से 1 बिलियन डॉलर (लगभग 7,400 करोड़ रुपये) से अधिक रुपये बचा लिए हैं।
इन चीजों में बचें कंपनी के पैसे
महामारी के कारण, Google के कर्मचारियों ने उतनी यात्रा नहीं की, जितनी कि वे सामान्य रूप से कंपनी के खर्च पर करते थे। वहीं पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कंपनी के प्रमोशन और एंटरटेनमेंट के खर्चों में भी कमी आई जिसकी वजह से गूगल ने $268 मिलियन (लगभग 1,980 करोड़ रुपये) की बचत की है। कंपनी की माने तो यह सिर्फ और सिर्फ COVID-19 की वजह से मुमकिन हुआ है। वहीं सालाना तौर पर अगर इस खर्च को कैलकुलेट किया जाता है तो यह $1 बिलियन (लगभग 7,400 करोड़ रुपये) से अधिक होगा। यानी कंपनी ने इतने पैसे पूरे साल में कोविड-19 की वजह से बचा लिए हैं।
कोरोना की वजह से Google का बिज़नेस बढ़ा
महामारी की वजह से लोग घर पर थे, इस दौरान उन्होंने इंटरनेट का सबसे ज्यादा यूज किया। जिसका असर Google पर दिखा है Google रेवेन्यू लगभग 34 प्रतिशत बचा है। वहीं अगर हम “पैसा बचाए गए पैसे कमाए गए” के कांसेप्ट से रेवेन्यू कैलकुलेट करें तो यह राजस्व बहुत अधिक हो सकता है।
इस ऑफिस खोलने की प्लानिंग कर रहा Google
कंपनी इस साल के अंत में दोबारा ऑफिस से काम शुरू करने की प्लानिंग कर रही है। चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रूथ पोराट ने निवेशकों को बताया कि कंपनी हाइब्रिड मॉडल पर लोगों को ऑफिस बुलाने की योजना बना रही है, जिसमें ऑफिस आने वाले कर्मचारियों संख्या पहले की तुलना में कम होगी।