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बक्सर: बिहार का एक पुलिस वाला आज की तारीख में आईटी के रडाई पर है। बक्सर से लेकर पटना तक उसके ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की। विपक्षी पार्टी आरजेडी इस कार्रवाई को लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर देख रही है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि जिसके 13 ठिकानों पर आईटी ने छापा मारा, वह शंभू नाथ यादव कौन हैं और उसके आवास पर इनकम टैक्स के अधिकारियों की टीम ने छापेमारी क्यों की?
सीएम के बॉडीगार्ड से विधायक तक का सफर
सियासत में आने से पहले शंभू नाथ यादव बिहार पुलिस में सिपाही के तौर कार्यरत थे। लालू यादव जब बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब शंभू यादव सीएम के बॉडीगार्ड थे। बताया जा रहा है कि उसी दौरान लालू यादव से उनकी नजदीकियां बढ़ गई। और देखते ही देखते शंभू यादव ने राजनीति में एंट्री मार दी। लालू यादव जब रेल मंत्री थे, तब पहली बार शंभू यादव चुनावी मैदान में उतरे थे और ब्रह्मपुर विधानसभा चुनाव से लड़े। वे आरजेडी से लगातार तीन बार से विधायक हैं।
शंभू के 13 ठिकानों पर आईटी का छापा
बुधवार को आईटी की टीम ने आरजेडी विधायक शंभू यादव के 13 ठिकानों पर छापेमारी की। आईटी के अधिकारी शंभू यादव के ब्रह्मपुर, बक्सर के अलावा राजधानी पटना के बिहटा में छापेमारी की। आयकर विभाग की टीम ने होटल, फ्लोर मिल, पेट्रोल पंप और ईंट भट्ठे पर जांच पड़ताल की। इसके अलावा आरजेडी विधायक के कई रिश्तेदारों के यहां भी छापेमारी की।
लोकसभा चुनाव से पहले ईडी की कार्रवाई
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय जांच एजेंसिया लगातार छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। ईडी की टीम ने 27 फरवरी को आरजेडी विधायक किरण यादव के ठिकानों पर छापा मारा था। इनके अलावा आरजेडी नेता सुभाष यादव और पुंज सिंह के ठिकानों की तलाशी ली थी। टीम ने सुभाष यादव को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था। इधर आईटी की कार्रवाई पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाया कि राजद नेताओं के खिलाफ भाजपा द्वारा ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का इस्तेमाल किए जाने से स्पष्ट है कि वे राजद और उसके नेताओं से डरते हैं, इसलिए वे हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।