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कैंसर (cancer) एक जानलेवा बीमारी है यह कई तरीकों से किसी इंसान को इफेक्ट कर सकती है और लाखों-करोड़ों लोगों की जान हर साल कैंसर की वजह से होती है। इसकी शुरुआत कई बार हमारे खान-पान से भी होती है। जी हां, हम जो खाते पीते हैं वह भी कई बार कैंसर का कारण बन सकता है। इनमें से एक कारण खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल भी है, जिसके कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं से चार कुकिंग ऑयल जो कैंसर कारक (cancer causing oil) होते हैं और इनका इस्तेमाल करने से आपको बचना चाहिए…
ये तेल है जानलेवा!
कई सारी रिसर्चों से पता चला है कि “heart-healthy” तेल जैसे- सूरजमुखी, कॉर्न, कैनोला और बिनौला पुरानी बीमारियों के प्रमुख कारण हैं। इतना ही नहीं ये विभिन्न प्रकार के कैंसर के अलावा हृदय रोग भी पैदा करते हैं।
क्यों हानिकारक होते है तेल
तेल में पॉलीअनसेचुरेटेड फैट पाया जाता है, जो गर्म करने पर एल्डिहाइड में टूट जाता है। इसी कारण तेल को गर्म करने पर उसमें एक स्मेल आती है। तेल के निष्कर्षण के कारण उनका ऑक्सीकरण होता है और इसलिए, वे विषाक्त और सूजन-उत्प्रेरण बन जाते हैं।
ट्रांस फैट बढ़ता है ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम
स्टडी के मुताबिक ट्रांस फैट महिलाओं के स्तन कैंसर के जोखिम को दोगुना करने के लिए जिम्मेदार है। इतना ही नहीं कोलन और कई अन्य प्रकार के कैंसर के खतरे को भी बढ़ाता है। ये ट्रांस फैट वनस्पति तेल, कृत्रिम मक्खन और बेकरी के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।
वेजिटेबल ऑयल कैसे बनता है ट्रांस फैट
वेजिटेबल तेल हाइड्रोजनीकरण से गुजरते हैं। इससे ट्रांस फैट का निर्माण होता है। ट्रांस फैट हमारे शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है और ये यकृत, मधुमेह, मोटापा, जठरांत्र रोग और यहां तक कि कैंसर जैसे बीमारियों को भी बढ़ावा देता है।