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देहरादून. उत्तराखंड में चार धाम यात्रा से पहले सीएम पुष्कर धामी के निर्देश पर पुलिस ने प्रदेश में वेरिफिकेशन अभियान चलाया था. इस दौरान कानून व्यवस्था को चाक चौबंद करने के लिए प्रदेश में संदिग्ध लोगों को चिन्हित करना था. इस दौरान पिछले 10 साल के दौरान प्रदेश में आकर बसे लोगों का वेरिफिकेशन करना पुलिस ने शुरू किया. वैरिफिकेशन के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. पुलिस के इस अभियान में अब तक 2300 से ज्यादा लोग संदिग्ध मिले हैं. अब पुलिस इन लोगों पर अलग अलग धाराओं में मामले दर्ज कर कार्रवाई कर रही है.
तीन दिन और चलेगा
जानकारी के अनुसार राज्य में फिलहाल वेरिफिकेशन अभियान को तीन दिन और सघनता के साथ चलाया जाएगा. इस दौरान 55 हजार से ज्यादा लोगों का वेरिफिकेशन किया जा चुका है. 2300 संदिग्ध लोगों के मिलने के साथ ही पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. अब पुलिस का मानना है कि आने वाले तीन दिनों में और बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों के मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही राज्य में कानून व्यवस्था को और सही करने में बड़ी मदद मिलेगी.
केवल कागज ही नहीं और भी बहुत कुछ
पुलिस के अनुसार वेरिफिकेशन के दौरान लोगों के पास केवल कागज ही होना जरूरी नहीं है. उनकी संदिग्ध हरकतें और बॉडी लैंग्वेज भी उन्हें शक के दायरे में लाती हैं. इसी के चलते कागज होने के बाद भी कई लोगों के बारे में जब गहनता से पता किया गया तो कई बातें संदिग्ध मिलीं. आशारोडी चेकपोस्ट पर सब इंस्पेक्टर राजेश पासवान का कहना है पुलिस इन्वेस्टिगेशन के दौरान ही संदिग्ध लोगों की पहचान कर लेती है. बातचीत के तौर तरीकों से लेकर उसकी बॉडी लैंग्वेज के आधार पर संदिग्ध को चिन्हित कर आगे की कार्रवाई की जाती है.