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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर जारी रही है। प्रदेश में एक सप्ताह में ही 320 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। इसी के साथ मानसून सीजन में नुकसान बढ़कर 980 करोड़ रुपए हो गया है। लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 569 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 390 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
191 लोगों की जा चुकी जान
हिमाचल में 29 जून के बाद से मानसून सीजन के दौरान 191 लोगों की सड़क हादसों, भूस्खलन, बाढ़ की चपेट में आने इत्यादि से हो चुकी है। बीती शाम भी मंडी के पंडोह के जोंगी माता मंदिर के समीप कार पर पत्थर गिरने से एक की मौत और दो घायल हो गए।
शिमला जिला में सबसे ज्यादा 32 लोगों की जान जा चुकी है। मंडी में 24, बिलासपुर में 8, चंबा में 19, हमीरपुर में 9, कांगड़ा 18, किन्नौर में 3, कुल्लू में 25, लाहौल स्पीति में 7,सिरमौर में 17, सोलन में 11 और ऊना में 16 लोगों की जान जा चुकी है।
342 लोग घायल
मानसून सीजन के दौरान 342 लोग घायल और 6 लोग लंबे समय से लापता चल रहे हैं। इनमें पांच व्यक्ति जुलाई माह में कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में बादल फटने के बाद से लापता हैं।
91 मकान जमींदोज, 311 घरों को आंशिक नुकसान
मानसून की भारी बारिश 91 लोगों के मकान पूरी तरह जमींदोज कर दर्जनों लोगों को बेघर चुकी है, जबकि 311 घरों को आंशिक क्षति हुई है। इनमें भी कई घर ऐसे है जिनकी रातें मकान क्षतिग्रस्त होने के भय में बीत रही हैं। इन 46 दिनों में 55 दुकानें, 16 लेबर शेड, 281 गौशालाएं और 28 घ्राट भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इससे 9.77 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है।