करवाचौथ के बाद पति की हुई मौत तो वियोग में पत्नी ने भी त्यागे प्राण, एक चिता पर हुआ अंतिम संस्कार

After the death of the husband after Karvachauth, the wife also gave up her life in separation, the last rites were performed on a pyre
After the death of the husband after Karvachauth, the wife also gave up her life in separation, the last rites were performed on a pyre
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इटावा। सच्चा प्यार करने वाले साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं, उसमें फिर पति-पत्नी ही क्यों न हों। शायद, जसवंतनगर के खेड़ा धौलपुर ग्राम में रहने वाले बुजुर्ग दंपती का भी प्यार सच्चा था। क्योंकि शादी के पचास साल बाद मौत भी आई तो एक साथ। जब सुहागिनें करवाचौथ पर पति के दीर्घायु की कामना कर रहीं थीं तो ठीक उसके अगले दिन गांव में पति की मौत के बार वियोग में पत्नी ने भी प्राण त्याग दिये। ये घटना गांव ही नहीं आसपास के पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी है। ग्रामीण कह रहे हैं कि अखंड सुहाग के प्रतीक पर्व के बाद बुजुर्ग दंपती ने साथ-साथ मरने की कसम को पूरा किया।

पति की अर्थी श्मशान पहुंचने से पहले ही टूट गईं पत्नी की सांसें
जसवंतनगर के ग्राम खेड़ा धौलपुर में रहने वाले 70 वर्षीय किसान रघुवर दयाल प्रजापति की शनिवार को मौत हो गई थी। उनको अचानक दिल का दौरा पड़ा था। उनको देखने के लिए परिवार के सभी सदस्य एकत्रित हो गए थे। 65 वर्षीय पत्नी विमला देवी अपने पुत्रों के साथ मौजूद थी। रविवार को सुबह जब रघुवर दयाल के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया तो विमला देवी ने पिंडदान किया। अर्थी श्मशान घाट तक नहीं पहुंची और विमला भी सदमे से अचेत हो गईं। स्वजन उनको संभालने के प्रयास में जुटे थे, इतने में उनकी भी सांस टूट गई।

एक ही चिता पर अंतिम संस्कार
प्रमोद व विनोद प्रजापति ने बताया कि उनके माता-पिता में कभी भी मनमुटाव नहीं हुआ। वे एक दूसरे को बहुत प्रेम करते थे। प्राय: साथ ही रहना पसंद करते थे। गांववासी पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य ने बताया कि दंपती का स्वभाव निहायत ही मधुर था। गांव के हर व्यक्ति से वे हिले-मिले हुए थे। दोनों के प्राण त्यागने की जानकारी होने पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दोनों के पार्थिव शरीर का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। वे अपने पीछे तीन पुत्र एवं दो पुत्री से भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। हर किसी की जुबान पर उनका ही जिक्र था कि लाखों में ही किसी को सदा सुहागिन का सौभाग्य मिलता है।