‘इंडिया आउट’ वाले मालदीव की निकल गई सारी हेकड़ी, भारत के सामने गिड़गिड़ा रहे मुइज्जू

All the arrogance of Maldives with 'India Out' gone, Muizzju pleading in front of India
All the arrogance of Maldives with 'India Out' gone, Muizzju pleading in front of India
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माले: India Maldives Tension: अपनी भारत विरोधी बयानबाजी के बाद, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सुलह का रुख अपनाते हुए कहा कि भारत उनके देश का करीबी सहयोगी बना रहेगा और उन्होंने नई दिल्ली से द्वीपसमूह राष्ट्र को ऋण राहत प्रदान करने का आग्रह किया। पिछले साल के अंत तक मालदीव पर भारत का लगभग 40 करोड़ नौ लाख अमेरिकी डॉलर का बकाया था। पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से चीन समर्थक मालदीव के नेता मुइज्जू ने भारत के प्रति सख्त रुख अपनाया था और मांग की थी कि तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले भारतीय सैन्यकर्मियों को 10 मई तक उनके देश से वापस भेजा जाए। राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान इंडिया आउट का कैंपेन चलाने वाले मोहम्मद मुइज्जू की आखिरकार सारी हेकड़ी निकल गई और भारत के सामने गिड़गिड़ाते नजर आ रहे हैं।

पद संभालने के बाद स्थानीय मीडिया के साथ गुरुवार को अपने पहले साक्षात्कार में, मुइज्जू ने कहा कि भारत ने मालदीव को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और ”सबसे बड़ी संख्या” में परियोजनाओं को लागू किया है। मालदीव के समाचार पोर्टल ‘एडिशन डॉट एमवी’ की खबर के अनुसार, मुइज्जू ने कहा कि भारत मालदीव का करीबी सहयोगी बना रहेगा और इसमें कोई संशय नहीं है। भारत पिछले कुछ वर्षों से दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान के जरिये मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है। मुइज्जू ने भारत से आग्रह किया कि वह मालदीव के लिए ”सरकारों द्वारा लिए गए भारी ऋणों” के पुनर्भुगतान में ऋण राहत उपायों को शामिल करे।

भारत के प्रति मुइज्जू की यह सकारात्मक टिप्पणियां अप्रैल के मध्य में मालदीव में होने वाले संसद चुनावों से पहले आईं है। उन्होंने कहा कि मालदीव ने भारत से बड़े पैमाने पर ऋण लिया है। उन्होंने कहा, ”वह वर्तमान में मालदीव की आर्थिक क्षमताओं के अनुसार ऋण चुकाने के विकल्प तलाशने के लिए भारत सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं।” मुइज्जू ने दिसंबर 2023 में दुबई में सीओपी28 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दुबई में अपनी चर्चा का जिक्र करते हुए कहा, ”मैंने अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को यह भी बताया कि मेरा इरादा किसी भी परियोजना को रोकने का नहीं है। इसके बजाय, मैंने इनमें तेजी लाने की इच्छा व्यक्त की थी।”

‘संबंधों में तनाव आने वाले नहीं दिए कोई बयान’
भारतीय सैन्यकर्मियों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, मुइज्जू ने इसे मालदीव में भारतीय सेना की मौजदूगी के बारे में भारत के साथ उठे ”विवाद का एकमात्र मामला” बताया और कहा कि भारत ने भी इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है और सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने पर सहमत हो गया है। उन्होंने कहा, ”एक देश से दूसरे देश को दी जाने वाली सहायता को खारिज करना या उसकी उपेक्षा करना ठीक बात नहीं है।” उन्होंने दावा किया कि उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया या ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आए। मुइज्जू ने कहा कि उनकी सरकार ने मालदीव में भारतीय सेना के मुद्दे से निपटने के लिए विचार-विमर्श के माध्यम से विवेकपूर्ण समाधान निकालने के लिए काम किया।