मुज़फ्फरनगर: 205 करोड़ खर्च, फिर भी गंदा है काली नदी का पानी

Muzaffarnagar: 205 crores spent, still the water of Kali river is dirty
Muzaffarnagar: 205 crores spent, still the water of Kali river is dirty
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मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना में 205 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी काली नदी में नालों का मैला पानी ही पहुंच रहा है। बिना ट्रीटमेंट के पानी के नदी में डाले जाने पर रोक है। अब तक शहर के पांच नालों में से केवल दो नालों के पानी का ही ट्रीटमेंट हो पा रहा है।

शहर से निकलने वाले पांच नालों के पानी को शुद्ध करके काली नदी में डालने के लिए 205 करोड़ की लागत से दो स्थानों पर एसटीपी का निर्माण किया गया है। चार जून 2021 में गांव सहावली से निकलने वाले नाले के पानी को शुद्ध करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास हुआ। इसी के साथ काली नदी के किनारे सुजडू में नगर पालिका की जमीन पर दूसरे ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास हुआ।

यह है नालों की स्थिति
सहावली वाले नाले में शहर के आधे हिस्से नई मंडी, गांधी काॅलोनी, सरवट और कूकड़ा क्षेत्र का गंदा पानी जाता है। यह सीवेज शोधन संयंत्र एक जनवरी से 2024 से नियमित से चल रहा है। इस नाले का पानी सहावली और बीवीपुर के बीच में बनाए गए प्लांट से शुद्ध होकर नदी में जा रहा है। जो पानी यहां शुद्ध हो रहा है, बेगरजपुर आदि औद्योगिक क्षेत्र का गंदा पानी फिर उसमें मिल रहा है और नदी में गंदा पानी ही जा रहा है।

सूजडू में नदी के किनारे बने दूसरे एसटीपी प्लांट ने अभी काम करना शुरू नहीं किया है। यहां चार नालों के पानी का शुद्ध किया जाना है। इनमें सूजडू, खालापार, नईबस्ती, कृष्णापुरी का नाला शामिल है। यहां केवल नईबस्ती के नाले का ही ट्रीटमेंट हो पा रहा है।

अक्तूबर तक पांचों नालों का पानी शुद्ध होगा: कटियार
नमामि गंगे इकाई के परियोजना प्रबंधक संजीत कुमार कटियार का कहना है कि शहर के पांचों नालों के पानी को शुद्ध कर काली नदी में डालने की योजना है। सहावली का एसटीपी शुरू हो चुका है। नाले का पानी शुद्ध होकर आगे जा रहा है। एक जनवरी से यह नियमित चल रहा है। सूजडू में काली नदी का प्लांट पूरी तरह प्रारंभ नहीं हो पाया है। यहां चार नालों में से एक नाले का पानी ही शुद्ध हो पा रहा है। अक्तूबर 2024 तक पांचों नालों का पानी शुद्ध होने लगेगा।

प्रदूषण फैला रही है काली नदी
नदी में गंदा पानी डाले जाने से प्रदूषण फैल रहा है। काली नदी गाजियाबाद से आगे यमुना में जाकर मिलती है्र जिससे यमुना का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। रतनपुरी के किसान दीपक सोम कहते हैं कि सरकार को पानी की स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए, इससे क्षेत्र में बीमारियों पर भी नियंत्रण रहेगा।