जेल में अमृतपाल का हो गया ऐसा हाल, निकल गई सारी अकड, जेलर से मांग रहा…

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अमृतसर: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल एक बार फिर चर्चा में है। उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गा है। ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह (30) यहां भूख हड़ताल पर बैठ गया है। अमृतपाल सिंह के साथ उसके साथी भी भूख हड़ताल कर रहे हैं। लगभग 10 कैदियों के भूख हड़ताल पर जाने के बाद डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में हड़कंप मच गया है। जेल प्रशासन कैदियों को हड़ताल खत्म करने की अपील कर रहा है। वहीं पति से मिलकर लौटी पत्नी किरणदीप कौर ने भी ऐलान किया है कि वह भी अपने पति के समर्थन में भूख हड़ताल करेंगी। अृतपाल को पंजाब पुलिस ने 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत केस दर्ज है।

अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर ने बताया कि उसके पति अमृतपाल सिंह और उसके 9 सहयोगियों ने भूख हड़ताल कर दी है। उसने बताया कि डिब्रूगढ़ जेल में वे लोग खराब सुविधाओं के कारण भूख हड़ताल पर बैठे हैं। किरणदीप ने बताया कि वह इस हफ्ते अमृतपाल से मिलने डिब्रूगढ़ जेल पहुंची थी, तब उसे इस बात की जानकारी हुई।

‘तंबाकू खाकर खाना पकाता है रसोइया’
ब्रिटेन की नागरिक और अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर ने दावा किया कि उनके पति और उनके समर्थकों को फोन करने की इजाजत नहीं है। उन्हें खाने के लिए खराब खाना दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी शिकायत की कि जिस व्यक्ति पर खाना पकाने की जिम्मेदारी है वह तंबाकू का सेवन करता है। यह सिख रहत मर्यादा (धार्मिक आचरण संहिता) के खिलाफ है।

किरणदीप ने लगाए ये आरोप भी
एसजीपीसी सदस्य किरणदीप ने अपने पति समेत 10 एनएसए बंदियों को जेल से उनके परिवारों और उनके वकीलों को फोन करने की अनुमति नहीं देने के लिए पंजाब सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, अगर हिरासत में लिए गए लोगों को कॉल करने की अनुमति दी जाती है, तो इससे उनके परिवार के सदस्यों को डिब्रूगढ़ जेल की यात्रा के खर्च में 20,000 रुपये से 25,000 रुपये की अनुमानित राशि की बचत होगी। डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल के सूत्रों ने कहा कि अमृतपाल सिंह पिछले सप्ताह से कम से कम 4-5 बार अपना भोजन छोड़ रहे हैं और उन्होंने जेल में दिए जाने वाले भोजन की “खराब गुणवत्ता” के बारे में शिकायत की है।

अमृतपाल पर नखरे दिखाने का आरोप
सूत्रों ने कहा कि जेल में अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों को जो भोजन दिया जाता है वह जेल मैनुअल के अनुसार मानक भोजन है। पहले कोई शिकायत नहीं थी, लेकिन हाल ही में वह आक्रामक व्यवहार कर रहे हैं और बहुत नखरे दिखा रहे हैं। वह अपने वकीलों को भी बार-बार फोन करना चाहते हैं लेकिन इसकी अनुमति नहीं है।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य और वकील भगवंत सिंह सियालका ने स्वीकार किया कि उन्हें एनएसए बंदियों के जेल में भूख हड़ताल शुरू करने के बारे में पता है। उन्होंने कहा कि हालांकि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें उनकी शिकायतों को दूर करने और उनके सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया है।

भाषा की आ रही समस्या
किरणदीप कौर ने कहा कि वह भी अपने पति के समर्थन में भूख हड़ताल करेंगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि जेल में उनके पति और उनके साथियों को भाषाई समस्या आ रही है। जेल प्रशासन और वहां मौजूद कर्मचारी उनकी बातें नहीं समझ पाते हैं। वह लोग भी उनकी बात नहीं समझ पाते। किरणदीप ने कहा कि दुभाषिया की अनुपस्थिति के कारण दोनों के बीच संचार की कमी हो गई है। उन्होंने ऐसे में एक इंट्रेप्टर की मांग की है, जिससे उनके बीच कम्युनिकेशन हो सके।