आम आदमी पर महंगाई का एक और बोझ, 10% महंगा होने जा रहा है इंश्योरेंस प्रीमियम

Another burden of inflation on common man, insurance premium is going to be 10% costlier
Another burden of inflation on common man, insurance premium is going to be 10% costlier
इस खबर को शेयर करें

नई दिल्ली: आम आदमी पर महंगाई का एक और बोझ बढ़ने जा रहा है। दरअसल बीमा का प्रीमियम 10 फीसद तक महंगा हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय कंपनियों और मोटर वाहन मालिकों के लिए बीमा लागत में इजाफा होना तय है। इसकी वजह यूक्रेन में युद्ध और दुनिया भर में मौसम से संबंधित अन्य नुकसान होना आदि है। इस वजह से प्रभावित वैश्विक पुनर्बीमाकर्ताओं ने दरों में 40 से 60 फीसद का इजाफा किया है। देश की जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक,वित्त वर्ष 2023 में जनरल इंश्योरेंस के कुल कारोबार में ऑटो इंश्योरेंस प्रीमियम की हिस्सेदारी 81,292 करोड़ रुपये है. जानकारों के अनुसार री-इंश्योरेंस कॉस्ट बढ़ोतरी की वजह से आने वाले समय में ऑटो इंश्योरेंस में 10-15 फीसद का इजाफा हो सकता है।

लागत में हुआ है इजाफा
बता दें कि भारत की जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री में 24 कंपनियां शामिल हैं। ये सभी कंपनियां कुल मिलाकर जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री में 84 फीसद मार्केट की हिस्सेदारी रखती हैं। भारतीय कंपनियां अप्रत्याशित देनदारियों और भारी नुकसान के प्रभाव को कम करने के लिए बड़े बीमा कवर खरीदती हैं। वे आमतौर पर आग, समुद्री-संबंधित जोखिमों, इंजीनियरिंग और व्यावसायिक रुकावटों से बचाव के लिए बीमा कवर खरीदते हैं।

मोटर बीमा है अनिवार्य: देश में सभी वाहन मालिकों के लिए मोटर बीमा अनिवार्य है। वित्त वर्ष 2023 में जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री के कुल कारोबार में अकेले मोटर इंश्योरेंस ने प्रीमियम में करीब 81,292 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इंडस्ट्री के एक्स्पर्ट्स के मुताबिक, पुनर्बीमा लागत में हाल ही में हुए इजाफे के साथ कारों, बाइक और कमर्शियल व्हीकल्स के लिए इंश्योरेंस खरीदने की प्रीमियम दरों में अगले कुछ महीनों में 10-15 फीसद की वृद्धि होने की संभावना है।

बैंकों ने बढ़ाई हैं ब्याज दरें

मीडिया रिपोर्ट़्स के मुताबिक, पश्चिमी देशों के केंद्रीय बैंकों ने पिछले 12 महीनों में ब्याज दरों में 4.5-5% की वृद्धि की है। इससे वैश्विक पुनर्बीमाकर्ताओं के लिए पूंजी की लागत में वृद्धि हुई है। इसके अलावा हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन की अनिश्चितता भी बढ़ गई है। इससे भी पुनर्बीमाकर्ताओं को भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन युद्ध में कुछ घटनाओं के चलते भी इंडस्ट्री के लिए नुकसान बढ़ गया है। ऐसे में लोकल इंश्योरेंस कंपनियों ने रीइंश्योरेंस रेट्स में बढ़ोतरी के कारण आने वाले महीनों में असेट्स, जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक, पुनर्बीमा दरों में इजाफा होने के चलते आने वाले महीनों में संपत्तियों, लायबिलिटीज और ऑटो इंश्योरेंस के इंश्योरेंस प्रीमियम में 10 फीसद का इजाफा हो सकता है।

कंपनियां खरीदती हैं ज्यादा कवर वाले इंश्योरेंस

मौजूदा समय में देश में 24 जनरल इंश्योरेंस कंपनियां शामिल है. जिनकी जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री में 84 फीसद हिस्सेदारी है। वहीं भारतीय कंपनियों का कवर काफी मोटा है, क्योंकि ये कंपनियां अपने नुकसान और रिस्क की भरपाई हो सके। कंपनियां आग लगने, इंजीनियरिंग और कारोबारी रुकावटों से बचने के लिए इंश्योरेंस कवर लेती हैं। वहीं दूसरी ओर ऑटो इंश्योरेंस कंपलसरी है। फिस्कल ईयर 2023 में जनरल इंश्योरेंस के कुल कारोबार में ऑटो इंश्योरेंस प्रीमियम की हिस्सेदारी 81,292 करोड़ रुपये है। जानकारों के अनुसार री-इंश्योरेंस कॉस्ट बढ़ोतरी की वजह से आने वाले समय में ऑटो इंश्योरेंस में 10-15 फीसद का इजाफा हो सकता है। अगर आपने अभी तक इंश्योरेंस नहीं कराया है जो जल्द करा लीजिये, क्योंकि जल्द ही इंश्योरेंस प्रीमियम 10 फीसद महंगा होने जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंडियन कंपनियों और व्हीकल रखने वालों के लिए इंश्योरेंस कॉस्ट में बढ़ोतरी होगी. इस इजाफे की असल वजह से रूस-यूक्रेन वॉर और ग्लोबल क्लामेट चेंज से होने वाले नुकसान की वजह है। इसका असर ग्लोबल रीइंश्योरर पर देखने को मिला है, जिन्होंने इसकी दरों में 40 से 60 फीसद की बढ़ोतरी कर दी है। किसमें कितना किया भुगतान: इरडा के अनुसार वित्त वर्ष 2023 के दौरान, जनरल इंश्योरर ने फायर इंश्योरेंस प्रीमियम 23,933 करोड़ रुपये, 5,058 करोड़ का समुद्री इंश्योरेंस प्रीमियम, 4,281 करोड़ का इंजीनियरिंग इंश्योरेंस प्रीमियम, एविएशन इंश्योरेंस प्रीमियम 889 करोड़ रुपये और लायबिलिटी इंश्योरेंस प्रीमियम के रूप में 4,863 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और यूरोपीय देशों के सेंट्रल बैंकों ने बीते एक साल में इंट्रस्ट रेट्स में 4.5-5 फीसद का इजाफा किया है, जिसकी वजह से रीइंश्योरर की कॉस्टिंग में बढ़ोतरी देखने को मिली है।