नई दिल्ली। Apara Ekadashi 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं. इस तरह एक महीने में दो बार एकादशी पड़ती है. पहली कृष्ण पक्ष की और दूसरी शुक्ल पक्ष की. ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है. इसे अचला एकादशी भी कहते हैं. इस बार अपरा एकादशी का व्रत गुरुवार, 26 मई को है. खास बात ये है कि अपरा एकादशी इस बार आयुष्मान योग में मनाई जा रही है. ज्योतिषियों का कहना है कि अपरा एकादशी के दिन कुछ काम वर्जित होते हैं.
1. अपरा एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए. इससे इंसान का मन चंचल होता है और ईश्वर की भक्ति के समय एकाग्रता भंग होती है. ऐसा कहा जाता है कि माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने शरीर का त्याग कर दिया था. उनका अंश पृथ्वी में समा गया. फिर चावल और जौ के रूप में महर्षि मेधा उत्पन्न हुए, इसलिए चावल और जौ को जीव का दर्जा दिया गया.
2. एकादशी के दिन सात्विक भोजन करने का विधान है. इस दिन लहसुन, प्याज का सेवन करना भी वर्जित है. इसके अलावा, मांस या मदिरा पान का तो ख्याल तक मन में नहीं आना चाहिए. एकादशी का व्रत करने वालों को ब्रह्मचर्या का पालन करना चाहिए.
3. एकादशी के दिन बेड या पलंग पर सोने की बजाए जमीन पर सोना चाहिए. इस दिन शारीरिक संबंध या इस तरह के विचार मन में लाने से भी बचना चाहिए.
4. एकादशी पर काले रंग के कपड़ों से परहेज करना चाहिए. इसकी जगह अगर आप पीले रंग के वस्त्र धारण करें तो बेहतर होगा. पूजा के दौरान भी पीले रंग के कपड़े पहनें.