पाकिस्तान में आर्मी ने की इलेक्शन में धांधली, ऐसे हुआ एक्सपोज, रुकी रही गिनती

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पाकिस्तान के आम चुनाव में इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्म नंबर 45 और फॉर्म नंबर 47 में बड़ा खेल कर दिया गया। बीती रात को महज ढाई घंटे में हुए इस खेल से पाकिस्तान के भीतर बनने वाली सरकार की पूरी तस्वीर बदल गई। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों के पोलिंग सेंटर्स पर रात डेढ़ बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक काउंटिंग भी रोकी गई। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के अलग-अलग पोलिंग स्टेशन पर मौजूद रहने वाले रिटर्निंग ऑफिसर भी गायब हो गए। फिलहाल पाकिस्तान से लेकर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में यही कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की सेना ने चुनाव नतीजों को बदलवाने में पूरी भूमिका निभाई है। वहीं फॉर्म नंबर 45 और 47 में हुई घपलेबाजी से पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पोल भी खुल गई है।

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में हुए चुनाव के दौरान जमकर धांधली हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में चुनाव के नतीजे की जानकारी देने वाले फॉर्म नंबर 45 और फॉर्म नंबर 47 के आंकड़े ही मैच नहीं कर रहे हैं। पाकिस्तान की प्रत्येक सीट पर एक फॉर्म नंबर 47 भरा जाता है, जो उस चुनावी सीट पर पड़े वोटों की गिनती बताता है। जबकि प्रत्येक कांस्टीट्यूएंसी के अंदर आने वाले प्रत्येक मतदान स्थल पर फॉर्म नंबर 45 भरा जाता है, जो उस मतदान केंद्र पर पड़े वोटों की गिनती बताता है। सूत्रों के मुताबिक सभी फॉर्म 45 के वोटों की संख्या फॉर्म नंबर 47 के वोटों की संख्या के बराबर होनी चाहिए। लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं हुआ। पाकिस्तानी सेना ने मतगणना स्थलों पर फॉर्म नंबर 45 अपने रिटर्निंग ऑफिसर के माध्यम से जब्त करा लिए।

सूत्रों के मुताबिक जब्त कराए गए फॉर्म नंबर-45 पर मनमर्जी से वोटों की संख्या भरी गई। इसमें उस पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने का पूरा खाका तैयार किया गया, जिनके लिए पाकिस्तान की सेना एड़ी चोटी का जोर लगा रही थी। हालांकि पाकिस्तान की सेना की पोल तब खुली, जब इमरान खान की पार्टी से ताल्लुक रखने वाले कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग पोलिंग स्टेशन पर हंगामा करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान में चुनावी व्यवस्था से जुड़े एक अहम सूत्र ने बताया कि फॉर्म नंबर-45 पर मनमर्जी से भरी गई संख्या जब फॉर्म नंबर 47 के कुल वोटों से मैच नहीं हुई, तो पाकिस्तान में इसका विरोध होना शुरू हो गया। इस दौरान जो रिटर्निंग ऑफिसर बूथ पर मनमर्जी से वोट की संख्या बढ़ा रहे थे, वह तो काम करते रहे, जबकि कुछ रिटर्निंग ऑफिसर ने जब इसका विरोध किया। उनमें से कुछ लोगों को या तो हटा दिया गया या उन्हें वह गायब करा दिया।

सूत्रों के मुताबिक मतगणना की शुरुआत के साथ ही जैसे-जैसे निर्दलीय प्रत्याशियों के जीतने की संख्या बढ़ती रही, पाकिस्तान की सेना की धड़कनें भी उसी के साथ आगे बढ़ती रहीं। पाकिस्तान को करीब से समझने वाले विदेशी मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर पुष्पेंद्र भटनागर का मानना है कि सेना की मंशा के मुताबिक नवाज शरीफ की पार्टी को ही सत्ता में आने की पूरी भूमिका बनाई जा रही थी। लेकिन सेना का यह खेल तब बिगड़ना शुरू हुआ, जब इमरान खान की पार्टी से ताल्लुक रखने वाले समर्थकों की निगाहें ज्यादा चौकस हो गईं। प्रोफेसर भटनागर कहते हैं कि खैबर पख्तूनबा के तकरीबन 70 पोलिंग स्टेशन पर मतदान के दौरान जब गड़बड़ी की सूचनाएं आने लगीं, तो अलग-अलग राज्यों में इमरान के कार्यकर्ता वहां पहुंचने लगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इसी वजह से पाकिस्तान की सेना का ‘प्लान ए’ फेल हो गया।

सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनबा और बलूचिस्तान में मतदान के बाद आधी रात को एक और बड़ा खेल किया गया। दरअसल बीती रात को डेढ़ बजे से लेकर सुबह चार बजे तक काउंटिंग को रोक दिया गया। कहा यही जा रहा है कि पाकिस्तान में इन ढाई घंटों के भीतर सियासत की पूरी तस्वीर बदली जाने लगी। सूत्रों की मानें तो मतगणना वाली रात एक बजे तक इमरान खान की पार्टी से ताल्लुक रखने वाले निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत का सिलसिला बढ़ना शुरू हो चुका था। ऐसे में पाकिस्तान सेना की योजना का किला ढहता हुआ दिखने लगा था। बताया यही जा रहा है कि जब पाकिस्तान की सेना का मतगणना के दौरान प्लान ए फेल होने लगा, तो पहले से तय प्लान बी पर काम शुरू हुआ। इस प्लान के तहत नवाज़ शरीफ़ की पार्टी के साथ-साथ बिलावल भुट्टो की पार्टी के प्रत्याशियों के वोटों को बढ़ाने का फॉर्मूला अपनाया जाना था। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए ही रात को ही ढाई घंटे का बड़ा खेल रचा गया।