हिमाचल प्रदेश में चुनाव मैदान से पहले भाजपा-कांग्रेस सोशल मीडिया पर हुईं आमने-सामने

Before the election in Himachal Pradesh, BJP and Congress faced each other on social media.
Before the election in Himachal Pradesh, BJP and Congress faced each other on social media.
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शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव और छह विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनाव मैदान में उतरने से पहले भाजपा और कांग्रेस सोशल मीडिया पर आमने-सामने हो गई हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स पर रील, वीडियो और पोस्ट के माध्यम से दोनों राजनीतिक दल एक-दूसरे की पोल खोलने में लगे हैं। सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार को धार देने के लिए कांग्रेस ने पार्टी मुख्यालय राजीव भवन शिमला और भाजपा ने पार्टी मुख्यालय दीपकमल चक्कर, शिमला में वार रूम स्थापित किया है।

इसके अलावा चारों संसदीय क्षेत्रों में भी पार्टियों ने वार रूम खोल दिए हैं। संसदीय क्षेत्रों के वार रूम पार्टी मुख्यालय के वार रूम की देखरेख में कार्य करेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स पर दोनों दलों के लाखों की संख्या में फाॅलोअर्स हैं। प्रदेश में चुनाव का खुमार धीरे-धीरे चढ़ने लगा है। भाजपा की ओर से जनसभाएं और रैलियां शुरू कर दी गई हैंं। कांग्रेस में अभी सभी प्रत्याशी तय नहीं होने पर बैठकों से चुनावी माहौल बनाया जा रहा है। ऐसे में दोनों राजनीतिक दल अभी सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे को घेरने में लगे हुए हैं।

राजनीतिक दल रील, पोस्ट, शॉर्ट और मीम्स के जरिये एक-दूसरे को कम बताकर अपनी छवि चमकाने में जुटे हैं। सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार करना गली-गली घूमकर पसीना बहाने की अपेक्षा आसान है। इस माध्यम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। प्रदेश में अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है। ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए फील्ड में पूरी तैयारी से उतरने की जगह अभी भाजपा-कांग्रेस ने सोशल मीडिया को ही अपना मुख्य हथियार बनाते हुए मोर्चा खोला हुआ है।

भाजपा और कांग्रेस की टीमें सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर सक्रिय हैं। इन टीमों में किसी को फैक्ट तलाशने का जिम्मा दिया गया है तो किसी को ट्रेंडिल रील खोजने की जिम्मेदारी दी गई है। अपने-अपने दल के बड़े नेताओं की राेजाना होने वाली गतिविधियों का भी ये टीमें सोशल मीडिया पर खूब प्रचार कर रही हैं।

सोशल मीडिया पर प्रचार का खर्च भी खाते में जुड़ेगा
सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित विज्ञापनों का खर्चा भी संबंधित उम्मीदवार या पार्टी के खाते में जोड़ा जाएगा। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि चुनाव के दौरान अखबार, टेलीविजन और रेडियो की तरह सोशल मीडिया पर भी राजनीतिक दल और उम्मीदवार प्रचार करते हैं। यह खर्च भी उम्मीदवार या पार्टी के खर्च में जोड़ा जाएगा। आयोग की टीमें सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही हैं। सोशल मीडिया पर आचार संहिता उल्लंघन पर भी विशेष नजर रखी रही है।
केंद्र सरकार की दस वर्ष की उपलब्धियों को जनता से अवगत कराया जा रहा है। पूर्व जयराम सरकार के विकास कार्यों का प्रचार भी किया जा रहा है। इसकी जानकारी भी सोशल मीडिया के माध्यम से दी जा रही है। भाजपा के संकल्प पत्र का प्रचार भी रील, वीडियो के माध्यम से किया जा रहा है। -कर्ण नंदा, मीडिया प्रभारी भाजपा

कांग्रेस के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर गुणवत्तापूर्ण कंटेंट शेयर किए जा रहे हैं। भाजपा के दुष्प्रचार का तथ्यों से जवाब दिया जा रहा है। प्रदेश की सुक्खू सरकार के 15 माह के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई जनकल्याणकारी नीतियों और उपलब्धियों को दिखाया जा रहा है। – हरिकृष्ण हिमराल, वार रूम उपाध्यक्ष कांग्रेस