CM सुक्खू के दिल्ली से लौटते ही होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, अन्दर से आई ये बडी खबर

Big administrative reshuffle will happen as soon as CM Sukhu returns from Delhi, this big news came from inside
Big administrative reshuffle will happen as soon as CM Sukhu returns from Delhi, this big news came from inside
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शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दिल्ली से लौटते ही हिमाचल प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कई जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों की नियुक्ति पर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर ली है। जल्दी ही कई डीसी और एसपी के तबादले हो सकते हैं। कई विभागाध्यक्षों को भी बदला जा सकता है। मुख्यमंत्री ने शनिवार देर रात तक राज्य सचिवालय में इस संबंध में विस्तार से चर्चा की है। चर्चा के बाद जिला शिमला और कुल्लू के पुलिस अधीक्षकों का तबादला हो गया है।

अब अन्य जिलों पर भी विचार-विमर्श हो रहा है। पिछली सरकार के कार्यकाल में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से दूर रखे गए कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी मुख्यमंत्री से नजदीकी बनाए हुए हैं। कई अधिकारी डीसी और एसपी के रूप में अपनी नियुक्तियां चाह रहे हैं या फिर महत्वपूर्ण विभागों के निदेशक, निगमो-बोर्डों के प्रबंध निदेशक या अन्य पदों पर नियुक्त होना चाह रहे हैं। इनमें से कई अधिकारी तो मंत्रियों और विधायकों से भी अपनी पैरवी करवा रहे हैं।

ऐसे अधिकारी जयराम सरकार में अपनी अनदेखी का तर्क दे रहे हैं। कई अधिकारी तो खुद को सरकार के विचार से जुड़़ा होने तक की भी बात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय इस संबंध में गंभीरता से मंत्रणा कर रहा है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नई दिल्ली से लौटते ही इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों की एक और बैठक लेंगे। उसमें वह डीसी और एसपी की नियुक्तियों और तबादलों पर फैसला ले सकते हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री सुक्खू अधिकारियों के एकदम तबादले करने के ट्रेंड को न अपनाने की बात कर चुके हैं।

इसके बावजूद मुख्यमंत्री कार्यालय पर मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों का जिलों में कांग्रेस सरकार की अनुकूलता के अनुसार नियुक्तियां करने का दबाव है। जो अधिकारी अपने लिए महत्वपूर्ण पद चाह रहे हैं, उनमें पिछली वीरभद्र सरकार में प्रमुख पदों पर रहे अफसर भी शामिल हैं और जयराम सरकार में खुद की उपेक्षा की बात कर रहे हैं। हालांकि, ऐसे कई अधिकारियों की नियुक्तियाें में अफसरों का दूसरा खेमा बाधा बनने का भी प्रयास कर रहा है।