हिमाचल में टूटे कर्ज के सारे रिकॉर्ड, सुक्खू सरकार ने बीजेपी को भी पीछे छोड़ा

All records of loan broken in Himachal, Sukhu government left BJP also behind.
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हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार 700 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है। यह नए वित्त वर्ष में सुक्खू सरकार का दूसरा कर्ज होगा। इससे पहले तीन अप्रैल को हिमाचल सरकार ने 1000 करोड़ का कर्ज लिया था। दैनिक जागरण में आठ मार्च को छपी रिपोर्ट के अनुसार, बीते करीब सवा वर्षा के दौरान ही सुक्खू सरकार ने अब तक 13400 करोड का कर्ज ले लिया है। अगर इसमें 1700 रुपये मिला दिए जाएं तो कुल रकम 15100 करोड़ हो जाती है।

यह रकम पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल में पांच साल यानी साठ महीनों में लिए गए कुल कर्ज के आधे से ज्यादा है। यानी एक तरह से देखा जाए तो जिनता कर्ज पिछली सरकार ने 30 महीने में लिया था, उतना वर्तमान सरकार 15 महीने में ही ले चुकी है। अगर आगे भी कर्ज लेने की रफ्तार ऐसी ही रही तो पांच साल कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रदेश पर वर्तमान सरकार 60 हजार करोड़ का अतिरिक्त कर्ज लेकर जाएगी तो पिछली बीजेपी सरकार के लिए कर्ज से दोगुना होगा। और हिमाचल पर कुल कर्ज होगा 1 लाख 36 हजार करोड़ से ज़्यादा।

दरअसल, विधानसभा में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने श्वेत पत्र लाते हुए बताया था कि 2017 में जब कांग्रेस की सरकार गई थी तब प्रदेश पर 47906 करोड़ रुपये का कर्ज था। जब बीजेपी 2022 में सत्ता से हटी तो यह कर्ज बढ़कर 76630 करोड़ हो गया। यानी बीजेपी के कार्यकाल में प्रदेश पर 28724 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज चढ़ा। अब वर्तमान की कांग्रेस सरकार इस रकम के आधे से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है।

2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर बेतहाशा कर्ज लेने का आरोप लगाया था। यही कांग्रेस का मुख्य मुद्दा भी था। मगर कर्ज लेने की रफ्तार कांग्रेस सरकार में तेज़ हो गई है।

अगर अब तक लिए कर्ज को महीनों के आधार पर बांटा जाए तो जहां जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार औसतन हर महीने 478 करोड़ का कर्ज ले रही थी, वहीं अब तक सुक्खू सरकार हर महीने औसतन 1006 करोड़ कर्ज ले रही है।