उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, अब परिवहन निगम की सभी बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगे ये लोग; आदेश जारी

Big decision of Uttarakhand government, now these people will be able to travel free in all buses of Transport Corporation; order issued
Big decision of Uttarakhand government, now these people will be able to travel free in all buses of Transport Corporation; order issued
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देहरादून। राज्य सरकार के निर्देश पर उत्तराखंड परिवहन निगम ने अपनी सभी श्रेणी की बसों में राज्य आंदोलनकारियों के लिए मुफ्त यात्रा का आदेश जारी कर दिया है। अभी तक परिचालक केवल साधारण बसों में ही यात्रा को अनुमन्य मानते थे, लेकिन अब परिवहन निगम प्रबंधन ने आदेश दिए हैं कि राज्य आंदोलनकारियों को वाल्वो और वातानुकूलित बसों में भी मुफ्त यात्रा कराई जाए। शर्त यह है कि यात्रा प्रदेश के भीतर ही मान्य होगी। प्रस्थान स्थान से गंतव्य स्थल के बीच में उत्तर प्रदेश का भू-भाग पड़ता है तो भी यात्रा मुफ्त ही मानी जाएगी।

राज्य सरकार की ओर से जनकल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न विशिष्ट श्रेणी में परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा कराई जाती है। इसका भार सरकार स्वयं वहन करती है। परिवहन निगम की ई-टिकट मशीनों में इनका पूरा ब्योरा रहता है, लेकिन परिचालकों को हर बार भ्रम रहता है कि किस श्रेणी के यात्री को मुफ्त यात्रा करानी है या किसे नहीं। अक्सर इसे लेकर परिचालकों व यात्रियों में विवाद होता रहता है।

पिछले दिनों निगम प्रबंधन को शिकायत मिली थी कि ग्रामीण डिपो की बसों में राज्य आंदोलनकारियों को मुफ्त यात्रा नहीं कराई जा रही। कुछ परिचालक करा रहे थे, लेकिन वह भी साधारण बसों में। शिकायत सरकार को मिली तो सरकार ने निगम प्रबंधन को सभी श्रेणी की बसों में राज्य आंदोलनकारियों को मुफ्त यात्रा कराने के निर्देश दिए।

ग्रामीण डिपो के सहायक महाप्रबंधक केपी सिंह ने बुधवार को आदेश दिए कि राज्य आंदोलनकारियों को न केवल साधारण बस बल्कि वाल्वो व वातानुकूलित बसों में भी प्रदेश के भीतर मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाए। जो परिचालक आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

सीएनजी बसों पर भेजे जाएं मृतक आश्रित परिचालक
हाल ही में नियुक्त हुए मृतक आश्रित परिचालकों को परिवहन निगम प्रबंधन ने लंबी दूरी की सीएनजी बसों पर तैनात करने के आदेश दिए हैं। मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता ने बताया कि फरवरी में भी इस संबंध में आदेश दिए गए थे, लेकिन कुछ डिपो प्रभारी इन परिचालकों से कार्यालय में लिपिक का कार्य करा रहे।

प्रबंधन की ओर से चेतावनी दी गई कि अगर किसी डिपो प्रभारी ने इन परिचालकों से कार्यालय में या फिर कोई दूसरा कार्य लिया तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। नियमित परिचालकों के समान इन परिचालकों के लिए भी प्रतिदिन 250 किमी ड्यूटी करना अनिवार्य किया गया है।