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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव आयोग ने रैलियों और रोड शो पर रोक को 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है। हालांकि, राहत देते हुए पहले और दूसरे चरण के उम्मीदवारों को सभा 500 लोगों की सीमा तक करने की अनुमति दी है। साथ ही आयोग ने राज्यों को कोविड और आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन कराने का भी निर्देश दिया है। इससे पहले आयोग ने राजनीतिक दलों को इंडोर मीटिंग के लिए 300 लोग अधिकतम या हॉल की 50 फीसदी कैपिसिटी तक छूट दी थी। इससे पहले आयोग ने बड़ी रैलियों और रोड शो पर रोक 22 जनवरी तक लगाई थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर के चीफ सेक्रेटरी और हेल्थ सेक्रेटरी के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इसमें सभी पांचों राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी शामिल हुए।
ECI ने 31 जनवरी, 2022 तक फिजिकल रैलियों और रोड शो पर रोक बढ़ा दी है। पहले चरण के लिए राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की फिजिकल बैठकों के लिए 28 जनवरी, 2022 से और दूसरे चरण के लिए 1 फरवरी, 2022 से छूट दी गई है।
क्या हैं चुनाव आयोग के नए निर्देश
पांचों चुनावी राज्यों में 31 जनवरी 2022 तक किसी भी तरह के रोड शो, पद यात्रा, साइकिल/बाइक/वाहन रैली और जुलूस को इजाजत नहीं होगी।
पहले चरण यानी 10 फरवरी को वोटिंग वाले क्षेत्रों में उम्मीदवारों को 28 जनवरी से खुली जगह में अधिकतम 500 लोगों की भीड़ वाली रैली करने की इजाजत होगी। अगर मैदान की क्षमता एक हजार से कम लोगों की हो तो सिर्फ उसकी आधी क्षमता में ही लोगों को इजाजत होगी। पहले चरण में किन उम्मीदवारों का पर्चा निरस्त होगा, किनका स्वीकार ये 27 जनवरी को तय होना है।
फेज-2 में वोटिंग वाले क्षेत्रों के उम्मीदवारों को 1 फरवरी से खुली जगह में अधिकतम 500 लोगों की भीड़ वाली रैली करने की इजाजत होगी। अगर मैदान की क्षमता एक हजार से कम लोगों की हो तो सिर्फ उसकी आधी क्षमता में ही लोगों को इजाजत। फेज 2 में किन उम्मीदवारों का पर्चा निरस्त होगा, किनका स्वीकार ये 31 जनवरी को तय होना है।
आयोग ने डोर-टू-डोर कैंपेन करने की सीमा भी बढ़ा दी है। घर-घर जाकर अभियान चलाने के लिए अब 5 व्यक्तियों के स्थान पर सुरक्षा कर्मियों को छोड़कर 10 व्यक्तियों को अनुमति दी गई है। डोर-टू-डोर कैंपेन चलाने के अन्य निर्देश जारी रहेंगे।
आयोग ने पहले ही राजनीतिक दलों के लिए एक हद तक छूट दी थी। इसके तहत अधिकतम 300 व्यक्तियों की इनडोर मीटिंग या हॉल की क्षमता का 50% या एसडीएमए की ओर से निर्धारित सीमा की अनुमति है।
आयोग ने सार्वजनिक सुविधा के अधीन मतदान वाले राज्यों में अधिकतम 500 व्यूवर्स या क्षमता के 50% या एसडीएमए की ओर से निर्धारित सीमा, जो भी कम हो, के साथ तय खुले स्थानों पर सामान्य कोविड प्रतिबंधों संग प्रचार के लिए वीडियो वैन की अनुमति दी है। इसके चलते यातायात के सुचारु प्रवाह में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।
राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार चुनाव से जुड़ी गतिविधियों के दौरान सभी मौकों पर कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर व दिशा-निर्देशों और आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
कुछ मामले में मिलेगी छूट
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को इंडोर मीटिंग के लिए 300 लोग अधिकतम या हॉल की 50 प्रतिशत कैपिसिटी तक की छूट दी है। हालांकि इसमें भी राज्य आपदा प्रबंधन के नियमों का ध्यान रखना होगा। आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दल कोविड गाइडलाइन और आदर्श आचार संहिता को चुनाव के दौरान पूरी तरह पालन करें।
कोविड वैक्सीनेशन को स्थिति पर हुई चर्चा
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा की मौजूदगी में एक बार फिर पांचों राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर डिटेल रिव्यू मीटिंग की गई। इस दौरान लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर पांचों राज्यों के एक्शन प्लान पर चर्चा की गई। मतदाताओं के साथ ही पोलिंग से जुड़े कर्मचारियों और फ्रंटलाइन वर्कर को कोरोना वैक्सीन की पहली, दूसरी और बूस्टर डोज लगाए जाने की स्थिति का भी आकलन किया गया।