कल सुबह से पूरे देश में बदल जाएंगे ये नियम, जान ले कही हो ना जाए परेशानी

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नई दिल्ली।साल 2021 की आखिरी शाम खत्म होने के बाद जब आप 2022 की पहली सुबह देखेंगे, तब कई ऐसे नियम होंगे जो बदल चुके होंगे. इसमें बैंक के लॉकर से लेकर स्विगी और जोमेटो से खाना मंगाने तक के कई नियम शामिल हैं. आइए जानते हैं कि 1 जनवरी 2022 से कौन से बदलाव होने जा रहे हैं…

बैंक नहीं झाड़ सकेंगे लॉकर की जिम्मेदारी से पल्ला

सबसे पॉजिटिव और बड़ा बदलाव बैंक लॉकर से जुड़े नियमों में होने जा रहा है. अभी तक बैंक लॉकर में रखे सामान की जिम्मेदारी ग्राहक की होती थी और किसी तरह का नुकसान होने की स्थिति में बैंक पल्ला झाड़ लेते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. फरवरी 2021 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का पालन करते हुए RBI ने इससे जुड़े नए नियम बनाए हैं. अब किसी बैंक में अगर आग, चोरी, सेंधमारी, डकैती आदि की वजह से किसी ग्राहक के लॉकर का सामान यदि गायब हो जाता है, तो बैंक को उस लॉकर के सालाना किराये का लगभग 100 गुना तक हर्जाना देना होगा. हालांकि प्राकृतिक आपदा और ग्राहक की लापरवाही से हुए नुकसान पर बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.

एटीएम से निकासी पर ज्यादा शुल्क

बैंकों से ही जुड़ा एक और नियम शनिवार से बदलने जा रहा है. अब अगर कोई ग्राहक एटीएम से लेनदेन की मुफ्त सीमा से अधिक लेनदेन करता है तो उसे शुल्क के तौर पर 20 की जगह 21 रुपये देने होंगे. हालांकि इसके पीछे RBI ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने की वजह बताई है. RBI पहले ही IMPS, RTGS जैसे डिजिटल पेमेंट टूल के लिए शुल्कों में बदलाव कर चुका है.

चालू होगा एमएफ सेंट्रल पोर्टल पर लेनदेन

म्यूचुअल फंड से जुड़ी सर्विसेस को आसान बनाने के लिए सितंबर 2021 में एमएफ सेंट्रल पोर्टल लॉन्च किया गया था. नए साल से इस पोर्टल पर लेनदेन करने की सुविधा भी शुरू हो जाएगी. अभी इस पर बैंक खाते में परिवर्तन, मोबाइल नंबर और ईमेल पते, नामांकन दाखिल करना जैसे कई सुविधाएं मिल रही हैं. इसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से मंजूरी मिल चुकी है.

स्विगी, जोमेटो से घर बैठे खाना मंगाना होगा महंगा?

जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में स्विगी और जोमेटो जैसी ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी से खाना ऑर्डर करने पर जीएसटी कलेक्शन की जिम्मेदारी इन्हीं प्लेटफॉर्म को दे दी गई. अभी तक ये कंपिनयां जीएसटी कलेक्ट करके पार्टनर रेस्टोरेंट या फूड जॉइंट को वापस कर देती थीं ताकि वो अपने हिसाब से इसे भर सकें, लेकिन अब ये काम उन्हें खुद ही करना होगा. हालांकि खाने पर जीएसटी की दर को 5% पर ही रखा गया है, ऐसे में ग्राहकों पर इसका बोझ बढ़ने की उम्मीद नहीं है, लेकिन जो रेस्टोरेंट पहले जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं करते थे या अनरजिस्टर्ड थे अब उनके खाने पर जीएसटी लगेगा और इसका असर ग्राहकों पर पड़ेगा.