प्लेन का इमरजेंसी डोर खोलने पर घिरे BJP के तेजस्‍वी सूर्या, फ्लाइट में चढ़ने से पहले इसके नियम जान लीजिए

BJP's Tejashwi Surya surrounded for opening the emergency door of the plane, know its rules before boarding the flight
BJP's Tejashwi Surya surrounded for opening the emergency door of the plane, know its rules before boarding the flight
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सोशल मीडिया पर चल रही तगड़ी बहस
एक विमान का आपातकालीन दरवाजा खोले जाने को लेकर सोशल मीडिया पर माहौल गर्म है। जिस यात्री ने इमरजेंसी एग्जिट डोर खोला, उसपर ऐक्शन लिए जाने की मांग हो रही है।

पिछले महीने IndiGo प्‍लेन में हुई घटना
सोशल मीडिया में जिस घटना पर बवाल मचा हुआ है, वह 10 दिसंबर 2022 को चेन्नै-तिरुचिपल्ली की फ्लाइट से जुड़ी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एक यात्री ने ‘एक्सीडेंटली’ विमान के दाहिनी तरफ वाला इमरजेंसी एग्जिट खोल दिया। प्रोटोकॉल के तहत, सभी यात्रियों को विमान से उतारकर जरूरी सुरक्षा जांच करनी पड़ी। इससे फ्लाइट टेकऑफ में दो घंटे की देरी हुई।

बीजेपी सांसद तेजस्‍वी सूर्या का चल रहा नाम
‘द न्यूज मिनट’ ने फ्लाइट में मौजूद एक पैसेंजर के हवाले से रिपोर्ट दी है कि इमरजेंसी दरवाजा बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने खोला था। रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लाइट में सूर्या के साथ तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई भी थे। हालांकि, इंडिगो ने यात्री के नाम का खुलासा नहीं किया।

DCGA कर रहा घटना की जांच
IndiGo के विमान में हुई इस घटना की जांच अब DCGA कर रहा है। एग्जिट रो की सीटिंग को लेकर DCGA ने 2017 में विस्तृत गाइडलाइंस जारी की थीं। अगर कोई चूक पाई गई तो इमरजेंसी एग्जिट खोलने वाले यात्री पर ऐक्शन लिया जा सकता है।

प्‍लेन में इमरजेंसी एग्जिट डोर क्‍यों होते हैं?
बस, ट्रेन की आपातकालीन खिड़कियों की तरह विमानों में भी इमरजेंसी एग्जिट डोर होते हैं। इन्हें आपकी सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है ताकि आपात स्थिति में यहां से बाहर निकल पाएं। इन दरवाजों के पास वाली सीटों पर बैठने की कुछ शर्तें हैं।

इमरजेंसी एग्जिट खोलने पर क्‍या होता है?
इमरजेंसी एग्जिट आमतौर विंग्स के पास होते हैं। उन्हें बेवजह खोलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। एक बार उन्हें खोलने पर इवैकुएशन प्रोटोकॉल शुरू होता है। फिर सेफ्टी के लिहाज से पूरा चेकअप किए बिना प्लेन आगे नहीं उड़ाया जा सकता। मिड-फ्लाइट में केबिन प्रेशर के चलते इमरजेंसी एग्जिट खोलना नामुमकिन हो जाता है।

इमरजेंसी एग्जिट का इस्‍तेमाल कब करें?
जाहिर है किसी इमरजेंसी में। चूंकि इन्हें केवल आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए बनाया जाता है इसलिए इमरजेंसी एग्जिट को खोलने में ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है। इन दरवाजों के पास बैठने वालों को छोटी सी ट्रेनिंग भी दी जाती है।

इमरजेंसी एग्जिट डोर के पास कौन बैठ सकता है?
DCGA की गाइडलाइंस के अनुसार, एग्जिट सीट पर बैठने वाले यात्री की उम्र 15 साल से कम नहीं होनी चाहिए। उसे इमजरेंसी से जुड़े सभी कायदे पता होने चाहिए। चेक-इन के दौरान यात्रियों से पूछा जाता है कि क्या वे इमरजेंसी की सूरत में बिना देरी के, खुद को और दूसरों को चोट पहुंचाए बिना एग्जिट डोर खोलने के लिए फिट हैं या नहीं। अगर आप जिम्मेदारी लेने से मना करते हैं तो एयरलाइंस आपसे सवाल नहीं कर सकती।

नॉर्मल हालात में इमरजेंसी एग्जिट डोर खोलने वालों का क्‍या होता है?
यह एयरलाइंस पर निर्भर करता है। अगर उसे लगता है कि दरवाजा गलती से या अनजाने में खोला गया है तो यात्री को माफी पर छोड़ा जा सकता है। अगर एयरलाइंस ने दरवाजा खोलने को ‘उपद्रवी’ व्यवहार माना तो कुछ वक्त के लिए यात्री को नो फ्लाई लिस्ट में भी डाला जा सकता है।

पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं?
पिछले हफ्ते एक रूसी विमान का दरवाजा उड़ान भरने के दौरान खोल दिया गया। नतीजतन, विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। नवंबर 2022 में अमेरिका में एक विमान की आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी क्योंकि एक महिला ने 37,000 फीट की ऊंचाई पर इमरजेंसी डोर खोलने की कोशिश की। 2019 में पाकिस्तान इंटरनैशनल की फ्लाइट में महिला ने टॉयलेट समझकर इमरजेंसी दरवाजा खोल दिया था। उसी साल, चीन में भी एक महिला ने ऐसी ही हरकत की.