उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्रियों, सीएस और डीजीपी के लिए खरीदी जाएगी 25 लाख की कारें

Cars worth 25 lakhs will be bought for cabinet ministers, CS and DGP in Uttarakhand
Cars worth 25 lakhs will be bought for cabinet ministers, CS and DGP in Uttarakhand
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देहरादून: प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, डीजीपी के लिए 25 लाख कीमत तक की कार खरीदी जा सकेगी। परिवहन विभाग की संशोधित वाहन खरीद नीति पर वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है, जो कि अब कैबिनेट बैठक में लाने की तैयारी है। नीति न होने की वजह से प्रदेश में 1500 सरकारी वाहन खरीद की प्रक्रिया लटकी हुई है। दरअसल, प्रदेश में अभी तक वर्ष 2016 की वाहन खरीद नीति चल रही है, जिसमें वाहनों की कीमत वर्तमान के सापेक्ष काफी कम है। परिवहन विभाग ने पूर्व में कैबिनेट मंत्रियों, मुख्य सचिव गणमान्यों के लिए वाहन खरीद का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा था, जिसे लौटा दिया गया।

तय हुआ था कि 2016 की नीति आज के परिपेक्ष्य में कमतर है। लिहाजा, ऐसी नीति तैयार की जाए, जिसमें वाहनों के वर्तमान दामों के साथ ही ई-वाहन, सीएनजी वाहन भी शामिल किए जाएं। संशोधित नीति का प्रस्ताव वित्त को भेजा गया था, जिस पर वित्त विभाग ने हरी झंडी दे दी है। यह नीति 10 फरवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में आने की संभावना है।

वाहन खरीद को गणमान्यों की नई श्रेणी बनाई
परिवहन विभाग ने 2016 में जो नीति बनाई थी, उसमें चार श्रेणियों में वाहन खरीद के लिए अधिकतम मूल्य तय किया गया था। इस बार विभाग ने पांच श्रेणियां बना दी है। ए-श्रेणी में कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव, जज, अपर मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक आदि के लिए वाहन की कीमत की सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख प्रस्तावित की गई है। बी-श्रेणी में प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के लिए वाहनों की कीमत 12 लाख से बढ़ाकर 20 लाख, सी-श्रेणी में डीएम, विभागाध्यक्षों, सीनियर पुलिस अधिकारियों के लिए वाहन की कीमत की सीमा आठ लाख से बढ़ाकर 18 लाख, उनसे अधीनस्थ अधिकारियों के लिए डी-श्रेणी में वाहन कीमत की सीमा छह लाख से बढ़ाकर 15 लाख और जिलों के एसडीएम, तहसीलदार आदि अधिकारियों के लिए ई-श्रेणी में वाहन कीमत की सीमा 12 लाख प्रस्तावित की गई है।

इसलिए पड़ी नई नीति की जरूरत
2016 में जब वाहन खरीद नीति आई थी, तब बोलेरो की कीमत करीब छह लाख आंकी गई थी, जो कि वर्तमान में करीब 8.50 लाख की है। इनोवा की कीमत उस वक्त करीब 15 लाख आंकी गई, जो कि अब करीब 20 लाख की है। सभी वाहनों की कीमतें बढ़ने के साथ ही ई-वाहन भी बाजार में आ गए हैं। इसके अलावा तब बीएस-4 वाहनों के हिसाब से नीति थी, जो कि अब बीएस-6 वाहनों के हिसाब से बनाई गई है।

1500 वाहनों की खरीद लटकी
प्रदेशभर के तमाम सरकारी महकमों में इस साल करीब 1500 वाहनों की खरीद होनी थी, लेकिन नीति न होने की वजह से वाहन नहीं खरीदे जा सके हैं। नीति आने के बाद 31 मार्च तक हर हाल में इन विभागों को वाहन खरीदने होंगे। नहीं तो यह बजट लैप्स हो जाएगा।